आलेख
शरद कोकास के शीघ्र प्रकाश्य पुस्तक मस्तिष्क की सत्ता की पांच कड़ियां हम पैदा ही नहीं होते तो क्या होता ? ज़रा सोचकर देखिये अगर...
कल्पना पांडेय की चार कविताएं
लाल दुख.. दुःख तो हमेशा से ही सदाबहार रहा है पर उसमें खिलने वाले फूल .... वो फूल... जो किसी स्त्री की देह के लिए...
मार्टिन जॉन की चार लघुकथाएं
डिलीट होते रिश्ते ‘समकालीन कथा परिदृश्य में मुखरित संवेदनहीन होते मानवीय रिश्ते’ – आज का यही मुद्दा था. व्हाट्सएप ग्रुप ’वाक् युद्ध’ के इस वैचारिक...
विशिष्ट कहानीकार : ए.असफल
किंबहुना - ए. असफल जीएम मीटिंग लेने वाले थे। आरती के हाथ पाँव फूल रहे थे। फाउन्डेशन की एक और प्रोजेक्ट आफीसर नीलिमा सिंह उसे...
विशिष्ट कवयित्री : आरती तिवारी
[table id=13 /] ....................................................... संप्रत्ति - मंदसौर, मध्यप्रदेश
विशिष्ट गजलकार : दरवेश भारती
विशिष्ट गजलकार : दरवेश भारती 1 हम ज़िन्दगी की राह खड़े देखते रहे झूठी खुशी की राह खड़े देखते रहे आयेगी और मिटायेगी जो तीरगी-ए-ज़ेह्न उस रौशनी की राह खड़े देखते रहे आपस की दुश्मनी का रहे अब न सिलसिला हम दोस्ती की राह खड़े देखते रहे सब- कुछ हड़प गया वो...
विशिष्ट कवि : ब्रज श्रीवास्तव
[table id=11 /] ___________________________ पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर कविताएं, समीक्षाएं व अनुवाद प्रकाशित. अब तक तीन काव्य संग्रह. पता : 233, हरिपुरा विदिशा, मो. 9425034312 email - brajshrivastava7@gmail.com