पुस्तक समीक्षा
भावों के रंगों की भरमार- 'नीले अक्स' - समीक्षक - केदारनाथ 'शब्द मसीहा' कविता और वो भी जीवन से जो पैदा हो, पढ़ने पर पाठक...
विशिष्ट गीतकार : उदय शंकर सिंह ‘उदय’
गीत ने समय ने मुझको जहां जब भी सताया गीत ने मुझको वहां तब-तब बचाया ! लड़खड़ाया तो लिया धर हाथ हौले ले गया कुछ...
विशिष्ट ग़ज़लकार : नूर मोहम्मद नूर
ग़ज़लें 1 बेवजह, बात बेबात होती, रही तिश्नगी दिल मे सौग़ात होती, रही जिस तरह अजनबी, अजनबी से मिले ज़िंदगी से मुलाक़ात, होती रही इक...