विशिष्ट कवि : शरद कोकास
धुएँ के खिलाफ अगली शताब्दि की हरकतों से पैदा होने वाली नाजायज़ घुटन में सपने बाहर निकल आयेंगे परम्परिक फ्रेम तोड़कर कुचली दातून के साथ...
विशिष्ट गीतकार : पूर्णिमा वर्मन
अमलतास डालों से लटके आँखों में अटके इस घर के आसपास गुच्छों में अमलतास झरते हैं अधरों से जैसे मिठबतियाँ हिलते है डालों में डाले...
समकालीन महिला गजलकार : एक महत्वपूर्ण कृति : जयप्रकाश मिश्र
समकालीन महिला गजलकार : एक महत्वपूर्ण कृति - जयप्रकाश मिश्र ख्यातिप्राप्त लेखक एवं चर्चित दोहाकार हरेराम "समीप" के संपादकत्व में छपी पुस्तक "समकालीन महिला गजलकार"...
विशिष्ट कवयित्री : मीरा श्रीवास्तव
स्त्रियाँ कहीं से आएँ स्त्रियाँ कहीं से आएँ कहीं भी जाएँ तनाव, खीझ, झुँझलाहट की परत चिकने , महीन फेस पाउडर की तरह फैली होती...