खास कलम : गुड़िया पांडेय
दुर्जीव पहचान करो पहचान करो, उस दानव की पहचान करो। जो दैत्य से भी बढ़कर है, उस मानव की पहचान करो। जो रोज आके इन...
विशिष्ट गजलकार : वशिष्ठ अनूप
1 सारे जग से निभाया तुम्हारे लिए हर किसी को मनाया तुम्हारे लिए तुमको अपना बनाना था बस इसलिए सबको अपना बनाया तुम्हारे लिए नाज़...