खास कलम : अजय नमन
1 ये समझना अधूरी हैं बातें कई उँगलियाँ हाथ की जो शरारत करें दूर हो जायेंगी मुश्किलें राह की दो क़दम ही सही साथ चलना...
विशिष्ट ग़ज़लकार : समीर परिमल
1 शरारत है, शिकायत है, नज़ाक़त है, क़यामत है ज़ुबां ख़ामोश है लेकिन निगाहों में मुहब्बत है हवाओं में, फ़िज़ाओं में, बहारों में, नज़ारों में...
विशिष्ट गीतकार : आदर्श सिंह निखिल
1 प्रेम प्रत्यंचा सँभाली भाववाही तीर साधे मन हुआ तरकश तिलिस्मी भावनाएँ भर अपरिमित दंड दृढ़ विश्वास का झुक चेतना अतिरेक संचित हो रहा कोदंड...
विशिष्ट गीतकार : अंकिता कुलश्रेष्ठ
मुक्तक 1 अाधार छंद:गीतिका छंद प्रीति की ही रीति का शुभ धाम है राधा-किशन प्रेम में लिपटी सुबह औ'र शाम है राधा-किशन दूर रहकर भी...
लघुकथा : तारकेश्वरी तरु ‘सुधि ‘
प्रेम जैसे ही फोन उठाया वो बोली मेरे जीवन में आपने रंग भरे हैं । मैं कर्जदार हूँ आपकी । अपने घर आ गई हूँ...
लघुकथा : कामिनी पाठक
अहसास का बंधन वेे अतीत के पल भी कितने सुनहरे थे। चुपके -चुपके मिलना ,माता-पिता का डर , समाज का डर । वो पहली बारिश...
लघुकथा : सुरेखा कादियान ‘सृजना’
राधिका ''राधिका इतने साल से तुम्हें बुलाने की कोशिश कर रही हूँ, पर तुम हो कि मानती ही नहीं | ऐसी भी क्या जिद कि...
विशिष्ट गीतकार : डॉ रवींद्र उपाध्याय
वसन्त आ गया ! कलियों की कनखियाँ, फूलों के हास क्यारियों के दामन में भर गया सुवास बागों में लो फिर वसन्त आ गया !...