खास कलम :: सत्यशील राम त्रिपाठी के दोहे
यहाँ मिली हैं हड्डियाँ, वहाँ मिला है खून| जंगल से बदतर हुआ, बस्ती का कानून|| आखिर कब कैसे हुई, दरवानों से चूक| दूर देश से...
यहाँ मिली हैं हड्डियाँ, वहाँ मिला है खून| जंगल से बदतर हुआ, बस्ती का कानून|| आखिर कब कैसे हुई, दरवानों से चूक| दूर देश से...