खास कलम : त्रिलोक सिंह ठकुरेला

कुण्डलियां जिनकी कृपा कटाक्ष से, प्रज्ञा, बुद्धि, विचार। शब्द, गीत, संगीत, स्वर, विद्या का अधिकार॥ विद्या का अधिकार, ज्ञान, विज्ञानं, प्रेम-रस। हर्ष, मान, सम्मान, सम्पदा...

विशिष्ट कवयित्री : मंजुला उपाध्याय ‘मंजुल’

मिट्टी में जडे़ं कसीदे कारी वाले गमलों में आश्रय देकर इतरा रही है अपनी सम्पन्नता पर तुम्हारी सोच । मेरी हरी भरी डालियां खिला खिला...

आलेख : संजीव जैन

पारिवारिक विघटन और हिंदी महिला उपन्यासकार पितृसत्तात्मक परिवार की जिस संरचना और स्वरूप को हमने अब तक समझा है उसके संदर्भ में महिला उपन्यासकारों के...

विशिष्ट गीतकार : ज्ञान प्रकाश आकुल

(1) जितने लोग पढ़ेंगे पढ़कर, जितनी बार नयन रोयेंगे समझो उतनी बार, गीत को लिखने वाला रोया होगा। सदियों की अनुभूत उदासी यूँ ही नहीं...