खास कलम :: अनामिका सिंह अना
1 नोंक है टूटी क़लम की, भाव मन के सब उपासे। चीख का मुखड़ा दबा है, और सिसकती टेक है। शब्द हैं बनवास पर, शून्यता...
विशिष्ट कवि :: अरुण शीतांश
चोंप पारिस्थितिकी संतुलन के लिए हर घर मे एक बागीचा चाहिए पेडो़ं में फल हो छोटे पौधों मे फूल रोज़ नई घटना की तरह बना...
विशिष्ट कहानीकार :: नज़्म सुभाष
खाली हाथ - नज़्म सुभाष चचा ने सफेद कुर्ते पर काली सदरी पहनी ।सिर पर टोपी लगाई,कांधे पर रूमाल रखा और अपनी साइकिल बाहर निकाली,...
पुस्तक समीक्षा :: नीरज नीर
अगस्त्य के महानायक श्रीराम : एक मनुष्य के रूप में राम के अंतर्द्वंद्वों की पड़ताल - नीरज नीर राम कथा का कथानक ऐसा है कि...
विशिष्ट गीतकार :: शैलेंद्र शर्मा
सावन के झूले यादों में शेष रहे सावन के झूले गाँव-गाँव फैल गई शहरों की धूल छुईमुई पुरवा पर हँसते बबूल रह-रहके सूरज तरेरता है...
आलेख :: संजीव जैन
भूमंडलीकरण: विभिन्न आयाम - संजीव जैन भूमंडलीकरण एक महत्वपूर्ण ही नही अत्यंत ताकतवर परिघटना है जिसकी जननी ‘आधुनिकता’ की अवधारणा थी। आधुनिकता की बहुत ही...
विशिष्ट ग़ज़लकार : प्रेम किरण
1 हसीं मंज़र सलामत है ये दुनिया ख़ूबसूरत है नदी में चांद उतरा है क़यामत की अलामत है तुम्हारी झील सी आंखें हमारी प्यास बरकत...