पुस्तक समीक्षा : वो पता ढूंढें हमारा (ग़ज़ल संग्रह) – जीवन सिंह

मुसीबत में ईमान की रक्षा करने वाली ग़ज़लें - जीवन सिंह जब से दुष्यंत कुमार ने ग़ज़ल को उसकी अपनी पारंपरिक चौहद्दियों से बाहर निकालकर...

ग़ज़लकार डॉ अनिरुद्ध सिन्हा से  कुसुमलता सिंह की बातचीत

प्रश्न –आप पिछले कई दशकों से रचनकर्म से जुड़े कवि,कथाकार आलोचक हैं । इधर कुछ वर्षों में आपने हिन्दी ग़ज़ल की दुनिया में मजबूत पहचान...

‘समाजवाद या बर्बरतावाद : मार्क्सवाद का द्वंद्वात्मक अंतर्विरोध’ : डॉ संजीव जैन

'समाजवाद या बर्बरतावाद : मार्क्सवाद का द्वंद्वात्मक अंतर्विरोध' रोजा लक्जमबर्ग ने मार्क्स के अध्ययन और पूंजीवादी व्यवस्था या उत्पादन पद्धति के उनके विश्लेषण के परिणामों...