विशिष्ट ग़ज़लकार :: पंकज सिद्धार्थ
ग़ज़ल पंकज सिद्धार्थ माँ अपनी संतान के सर पर आँचल को फैलाती है धूप में शीतल छाया देकर सुख उसको पहुँचाती है आशीर्वाद के फूल...
कहां गुम हो गई :: बबीता गुप्ता
कहां गुम हो गई... बबीता गुप्ता आत्मविश्वास से ओत-प्रोत होकर भी उन्होने अपना जीवन एक पिंजरे में कैद पंछी की तरह व्यतीत किया.वो समाज की...
विशिष्ट गीतकार :: दिनेश प्रभात
गीत दिनेश प्रभात मत कहो... मत कहो इक गीत, माँ पर भी लिखा है! शब्द की ऊँचाइयों का भ्रम न पालो, त्याग उसका तुम किसी...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ. अफ़रोज आलम
ग़ज़ल डॉ. अफ़रोज़ आलम ऐ मां मुझे करनी है सिफ़त तेरी रक़म आज हैरान है मेरी अक़्ल, परेशान है क़लम आज मिलती है शब ओ...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: अनिरुद्ध सिन्हा
मां अनिरुद्ध सिन्हा सच पूछो तो ममता की जंज़ीर चुरा ली है मैंने माँ से माँ की ही तस्वीर चुरा ली है कुछ बिखरी उम्मीदों...