विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ.अंजनी कुमार सुमन

ग़ज़ल डाॅ. अंजनी कुमार सुमन नेमत है मन्नत है रब है सच में चारों धाम है माॅं हर बच्चे का काबा काशी अल्लाह यीशू राम...

विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ.सोनरूपा विशाल

ग़ज़ल  डॉ.सोनरूपा विशाल शाम सी नम,रातों सी भीनी,भोर सी है उजियारी माँ मुझमें बस थोड़ी सी मैं हूँ, मुझमें बाक़ी सारी माँ जब मुश्किल हालात...

विशिष्ट ग़ज़लकार :: संजीव प्रभाकर

ग़ज़ल  संजीव प्रभाकर हमेशा काम करती माँ, यूँ सुब्ह-ओ-शाम करती माँ कभी देखा नहीं लेटी हुई आराम करती माँ कड़ी मेहनत बताती थी -मेरी हर...

विशिष्ट कवि :: धर्मेंद्र गुप्त ‘साहिल’

कई हिस्सों में बंटी है मां धर्मेंद्र गुप्त 'साहिल' कई हिस्सों में बँटी है माँ के सभी हिस्से अलग-अलग रहते हैं माँ बारी-बारी से प्रत्येक...

विशिष्ट कवि :: नरेश शांडिल्य

माँ - नरेश शांडिल्य मंदिर की देहरी भजन गाती मंडली दाना चुगती चिड़िया तुलसी का बिरवा पीपल का पेड़ छड़ी वॉकर अस्पताल का स्ट्रेचर... जब-जब...