योग के साथ, घर में योग :: कुमार कृष्णन
योग के साथ, घर में योग कुमार कृष्णन कोविड-19 महामारी के बीच लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चुनौतियाँ बढ़ती जा रही हैं।...
मौन को शब्द देने की संवदेशीलता मौत का जिंदगीनामा :: मनीष शुक्ला
मौन को शब्द देने की संवदेशीलता मौत का जिंदगीनामा मनीष शुक्ला कहते हैं कि स्त्री, संवेदनशीलता का ईश्वर द्वारा दिया गया सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है। और...
कला में चिंतन का दृष्टि बोध :: डा.अफ़रोज़ आलम
कला में चिंतन का दृष्टि बोध डा.अफ़रोज़ आलम एक बुकलेट के रूप में अपने सुंदर कलेवर में आकर्षित करती है ये छोटी सी पुस्तक।...
ख़ास कलम :: अविनाश भारती
ग़ज़ल 1 अब न संभले हम यहां तो जलजला हो जाएगा आदमी से आदमी का फासला हो जाएगा क्यों कही यूं शायरी में बात...
विशिष्ट कवयित्री :: निर्देश निधि
सुनो स्त्रियों आज महालया का शुभ दिन है और आज तुम्हारे नयन सँवारे जाने हैं तुम्हें कह दिया गया था सभ्यताओं के आरम्भिक दौर...
विशिष्ट कहानीकार :: डाॅ. सुशांत कुमार
लॉकडाउन - डाॅ. सुशांत कुमार मुनिया के बियाह वैशाख में बा, एहि ख़ातिर एकर बाबू दिल्ली कमाए गेल रहनए बिना दाना.पानी के दू दिन से...
विशिष्ट ग़ज़लकार : नीलम श्रीवास्तव
1 हमें अक्सर ये दुनिया अजनबी मालूम होती है बड़ी ही अनमनी सी ज़िंदगी मालूम होती है तबस्सुम में भी कोई बेबसी मालूम ...
विशिष्ट गीतकार : मनीष कुमार झा
1 मन मरुथल तन हुआ कैक्टस देख अजब दुनियाँ की रीत ऐसी भावदशा में कोई कैसे लिखे सुहावन गीत आफत आयी, उठा बवंडर भीतर संशय...