होमी जहांगीर भाभा :: प्रेमकुमार मणि
होमी जहांगीर भाभा प्रेमकुमार मणि सुमंत जी के एक रिपोस्ट से जानकारी मिली कि आज वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा का जन्मदिन है । यह भी...
प्रतिरोध का संसार बुनती ग़ज़लों का गुलदस्ता है – यह नदी खामोश है :: डॉ़ भावना
प्रतिरोध का संसार बुनती ग़ज़लों का गुलदस्ता है - यह नदी खामोश है - डॉ़ भावना यह नदी खामोश है सुपरिचित गज़लकार हरे राम समीप...
ग़ज़ल के वजूद का दस्तावेजः चुप्पियों के बीच :: डॉ पंकज कर्ण
ग़ज़ल के वजूद का दस्तावेजः चुप्पियों के बीच डॉ पंकज कर्ण डॉ भावना संवेदनशील और विवेक संपन्न ग़ज़लकार हैं। अपनी रचनात्मक मान्यताओं और सिद्धांतों पर...
खास कलम:: रेखा दूबे
मां - रेखा दुबे कितना सुंदर रूप तुम्हारा जैसे गंगा जल की धारा , शान्त , शाश्वत ,रूप बेल सा कर्तव्यनिष्ठा से,परिपूरित था, हम ढूंढ...
विशिष्ट कवयित्री :: ज्योति रीता
ज्योति रीता की छह कविताएं लड़कियों का मन कसैला हो गया है इन दिनों लड़कियों का मन कसैला हो गया है अब वह हँसती नहीं...
विशिष्ट कवि :: सुरेंद्र रघुवंशी
सुरेन्द्र रघुवंशी की पांच कविताएं अन्नदाता मौसम की मार से बड़ी होती है सरकार की मार कि किसी भी मौसम के किसी भी सत्र में...
विशिष्ट गीतकार :: हरिनारायण सिंह ‘हरि’
1 बहुएँ-बेटे आये घर गुलजार हो गया ! आँगन खिल-खिल बच्चों से इस बार हो गया ! अधिक रौशनी दीपों में दिख रहा बंधु है...
विशिष्ट कहानीकार :: सुशांत सुप्रिय
एक उदास सिम्फ़नी - सुशांत सुप्रिय ''रात वह होती है जब तुम सोए हुए हो...
लघुकथा :: जयप्रकाश मिश्र
मरछिया जयप्रकाश मिश्र अनाथ मरछिया कुत्ते के जूठे पत्तल चाट-चाटकर युवती हो गयी थी । आदर्श की रेशमी चादर ओढ़कर सिद्धान्त बघारने वाले उसकी प्रतीक्षा...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ रोहिताश्व अस्थाना
1 दर्द का इतिहास है हिन्दी ग़ज़ल एक शाश्वत प्यास है हिन्दी ग़ज़ल प्रेम, मदिरा, रूप की बातें भरी अब नहीं बकवास है हिन्दी ग़ज़ल...