प्रतिरोध का संसार बुनती ग़ज़लों का गुलदस्ता है – यह नदी खामोश है :: डॉ़ भावना

प्रतिरोध का संसार बुनती ग़ज़लों का गुलदस्ता है - यह नदी खामोश है - डॉ़ भावना यह नदी खामोश है सुपरिचित गज़लकार हरे राम समीप...

ग़ज़ल के वजूद का दस्तावेजः चुप्पियों के बीच :: डॉ पंकज कर्ण 

ग़ज़ल के वजूद का दस्तावेजः चुप्पियों के बीच डॉ पंकज कर्ण  डॉ भावना संवेदनशील और विवेक संपन्न ग़ज़लकार हैं। अपनी रचनात्मक मान्यताओं और सिद्धांतों पर...

लघुकथा :: जयप्रकाश मिश्र

मरछिया जयप्रकाश मिश्र अनाथ मरछिया कुत्ते के जूठे पत्तल चाट-चाटकर युवती हो गयी थी । आदर्श की रेशमी चादर ओढ़कर सिद्धान्त बघारने वाले उसकी प्रतीक्षा...

विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ रोहिताश्व अस्थाना

1 दर्द का इतिहास है हिन्दी ग़ज़ल एक शाश्वत प्यास है हिन्दी ग़ज़ल प्रेम, मदिरा, रूप की बातें भरी अब नहीं बकवास है हिन्दी ग़ज़ल...