प्रतिरोध का संसार बुनती ग़ज़लों का गुलदस्ता है – यह नदी खामोश है :: डॉ़ भावना

प्रतिरोध का संसार बुनती ग़ज़लों का गुलदस्ता है - यह नदी खामोश है - डॉ़ भावना यह नदी खामोश है सुपरिचित गज़लकार हरे राम समीप...

ग़ज़ल के वजूद का दस्तावेजः चुप्पियों के बीच :: डॉ पंकज कर्ण 

ग़ज़ल के वजूद का दस्तावेजः चुप्पियों के बीच डॉ पंकज कर्ण  डॉ भावना संवेदनशील और विवेक संपन्न ग़ज़लकार हैं। अपनी रचनात्मक मान्यताओं और सिद्धांतों पर...