सवालों से टकराती गज़लें :: स्वप्निल श्रीवास्तव

सवालों से टकराती गज़लें स्वप्निल श्रीवास्तव   हिन्दी के कतिपय कवि – लेखक अक्सर न  लिखने के  कारण ढ़ूंढ़ते रहते हैं । कभी मौसम ठीक...

लोकजीवन की सहजता का काव्य-शिल्प : सुशील कुमार

लोकजीवन की सहजता का काव्य-शिल्प सुशील कुमार 'सपनों को मरने मत देना' युवा कवयित्री (डॉ) भावना का काव्य-संग्रह है। भावना बिहार (मुज्जफरपुर) की हैं और...

विशिष्ट कवयित्री : स्वाति शशि

मैं तुमसे मिलना चाहती हूं मैं तुमसे मिलना चाहती हूं सिर्फ़ एक बार मैं जानना चाहती हूं जवाब अपने बहुत सारे सवालों का मैं तुमसे...

विशिष्ट ग़ज़लकार : प्रसन्नवदन चतुर्वेदी

1 बताना है बहुत मुश्किल कि किसमें क्या निकलता है ? नहीं मासूमियत जिसमें वही बच्चा निकलता है यकीं जिसपर किया करते भला अक्सर नहीं...

ग़रीबी देशकाल के अनुसार अपनी परिभाषा बदलती है : शरद कोकास

ग़रीबी देशकाल के अनुसार अपनी परिभाषा बदलती है   शरद कोकास    गाँधी विद्यालय भंडारा में मिडिल स्कूल में श्री घड़ोले हमें अंग्रेज़ी पढ़ाते थे ৷...