विशिष्ट ग़ज़लकार :: रमेश चन्द्र गोयल ‘प्रसून’

1 आँखों की तस्वीर अलग है आँसू की तस्वीर अलग अपना-अपना हिस्सा सबका है सबकी तक़दीर अलग प्यार किया हो जिसने केवल स्वाद वही जाने...