संपादकीय - आजादी को रग-रग में महसूस करें, राष्ट्र प्रेम सर्वोपरि राष्ट्र किसी भी चेतना संपन्न मनुष्य के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है। जिस भूमि...

विशिष्ट गीतकार :: हीरालाल मिश्र मधुकर

विशिष्ट गीतकार- हीरालाल मिश्र मधुकर  उठो जवान उठो जवान! मातृभूमि को नया विधान दो। वसुन्धरा पुकारती प्रवीण प्राण दान दो। उठो किसान, बाल-वृंद, वृद्ध-नौजवां उठो,...

विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ. पंकज कर्ण

डॉ.पंकज कर्ण की दो ग़ज़लें 1 हमें तहज़ीब दुनिया की वो कुछ ऐसे सिखाता है निगाहें हम मगर वो देखिए उंगली उठाता है तिरंगे में...

पुस्तक समीक्षा :: एटमी हथियारों की होड़ पर गंभीर सवाल ‘रुई लपेटी आग’ :: ऋचा वर्मा 

एटमी हथियारों की होड़ पर गंभीर सवाल 'रुई लपेटी आग' :: ऋचा वर्मा  (अवधेश प्रीत की पुस्तक 'रुई लपेटी आग' की समीक्षा) अपने पहले उपन्यास 'अशोक...

विशिष्ट ग़ज़लकार :: मधुकर वनमाली

मधुकर वनमाली की तीन ग़ज़लें भारत जनम यह देश की खातिर,हमारी जान है भारत तिरंगा झुक नहीं सकता, हमारी शान है भारत बड़ी मुश्किल से...