Skip to the content
AANCH
हिंदी साहित्य की मासिक इ-पत्रिका
Header AD Image
  • आलेख
  • कविता
  • कहानी
  • खास कलम
  • ग़ज़ल
  • गीत
  • समीक्षा
    • पुस्तक समीक्षा
    • फिल्म समीक्षा
  • बच्चों का कोना
  • रंगमंच
  • सेहत
  • हास्य-व्यंग्य
  • लघुकथा

आशा पाण्डेय जी की नज़र से समसामयिक जीवन का कोई भी सिरा छूट नहीं पाता : डॉ भावना

March 10, 2023March 11, 2023

गहन संवेदना का प्रमाण ‘देवता पाषाण के’ :: डॉ.प्रेम प्रकाश त्रिपाठी

January 15, 2023March 11, 2023

हिंदी ग़ज़लों की महत्वपूर्ण कृति ‘रास्तों से रास्ते निकले’ : डॉ भावना

January 14, 2023January 16, 2023

‘मेरा चेहरा वापस दो’ ग़ज़ल का नया और मौलिक चेहरा : डॉ. भावना

December 22, 2022January 16, 2023

साहित्यिक सुरभि से भरी विद्यालयी आत्मकथाएं :: डॉ.शांति सुमन

November 11, 2022January 16, 2023

साहित्य में बदलाव का साक्षी ‘रास्ता दिल का’ :: डॉ.भावना

November 11, 2022November 11, 2022

अदम्य :बिहार के युवा ग़ज़लकार :: देवयानी झाडे

November 11, 2022November 11, 2022

आम आदमी की कविताएं ‘आकाश के पन्ने पर’ :: आशीष मोहन

September 29, 2022

भाव और कला पक्ष का उत्कृष्ट सृजन ‘मेरी मां में बसी है…’ :: अविनाश भारती

September 29, 2022September 29, 2022
  • Home
  • admin
  • Page 64

admin

कविता - विशिष्ट कवि

पंखुरी सिन्हा की कविताएं

[table id=3 /]   परिचय - पत्र-पत्रिकाअो के अलावा कई काव्य संग्रह प्रकाशित. निरंतर लेखन. सामयिक लेखन में विशेष पहचान. संपर्क : A-204, Prakriti Apartments,...

admin
August 2, 2017August 2, 2017
Read More
कहानी - विशिष्ट कहानीकार

जिगरी यार

मूल लेखक : लुइगी पिरांदेलो अनुवाद : सुशांत सुप्रिय गिगी मियर ने उस सुबह एक पुराना लबादा पहन रखा था ( जब आप चालीस से...

admin
August 2, 2017August 2, 2017
Read More
संपादक की कलम से

संपादक की कलम से ( तीसरा संस्करण )

सावन हे सखी सगरो सुहावन कहते हैं, समुद्र मंथन के बाद भगवान शिव -शंकर ने जब हलाहल का पान किया तो उनका पूरा शरीर विष ...

admin
July 1, 2017August 30, 2017
Read More

Posts navigation

Previous 1 … 63 64

हमारे बारे में

आंच व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है. इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं. लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है
यह पत्रिका प्रत्येक महीने की एक तारीख को प्रकाशित की जाती है. कृपया रचनाएं इमेल पर भेजें. रचनाओं के मौलिक व किसी अंतरजाल पर प्रकाशित नहीं होने का प्रमाण भी संलग्न करें.
इमेल – bhavna.201120@gmail.com ,vinay.prabhat@gmail.com

संपादक –            भावना
संपादकीय टीम – विनय कुमार, संतोष सारंग
कला व परिवर्धन – अरुप सरकार

संपादकीय

संपादकीय –

पुस्तक मेला दे गया वर्ष भर लेखन की खुराक

विश्व पुस्तक मेला 2023 खत्म हो चुका है। पुस्तक मेले में प्रकाशकों, लेखकों और पाठकों के  समागम का नजारा ही कुछ और होता है। इस बार विश्व पुस्तक मेला कोरोना वायरस की वजह से लंबे अंतराल पर आयोजित हुआ। शायद यही वज़ह रही हो कि पाठक जहां अपनी पसंद की पुस्तकों की खरीद के लिए टूट पड़े, वहीं लेखक आपस में मिलने-जुलने के लिए उत्साहित दिखे। सच कहूँ तो पुस्तक मेला वर्ष भर के लेखन की खुराक दे जाता है। अपने पसंदीदा लेखकों से मिलने की खुमारी पाठकों के चेहरे पर साफ देखी जा सकती है। पुस्तक मेला खत्म होते ही लोग होली के रंग में रंगने को तैयार हो गये। गुझिया, नमकीन, पुआ खीर के बीच रंग और गुलाल से सराबोर चेहरा भला किसे नहीं भायेगा?

होली प्रेम और भाईचारे का पर्व है ,जहां सभी अपनी कटुता को मिटा गले मिलते हैं। संयोग यह भी था कि इस बार होली 8 मार्च यानी महिला दिवस को मनाई गई। होली की कल्पना स्त्री के बिना बहुत कठिन है। हमारे यहां राम-सीता और राधा-कृष्ण की होली बहुत ही मशहूर रही है। किसी भी त्योहार की रौनक स्त्रियों से ही है। स्त्रियां ही हैं जो त्यौहारों पर लजीज व्यंजन के साथ प्रेम का रस घोलकर किसी भी त्योहार में रौनक ला देती हैं। वह अपनी पाककला के साथ-साथ प्रेम के रंग में भी हमें भिगो देती हैं।

तो, आइए महिलाओं का सम्मान करें और उन पर चुटकुले बनाने की गंदी मानसिकता का  परित्याग करें।

  • भावना
  • आलेख
  • कविता
  • कहानी
  • खास कलम
  • ग़ज़ल
  • गीत
  • समीक्षा
    • पुस्तक समीक्षा
    • फिल्म समीक्षा
  • बच्चों का कोना
  • रंगमंच
  • सेहत
  • हास्य-व्यंग्य
  • लघुकथा
Copyright © 2023 . All rights reserved.
Theme: Quicker By Themeinwp. Powered by WordPress.