खास कलम : विकास
1 सफर में रहनुमाई चाहता हूँ कहाँ तुमसे जुदाई चाहता हूँ मैं ज़िम्मेदार हूँ अपने किये का न उसकी मैं…
1 सफर में रहनुमाई चाहता हूँ कहाँ तुमसे जुदाई चाहता हूँ मैं ज़िम्मेदार हूँ अपने किये का न उसकी मैं…
1 अगर जो गाँव को छोडूँ तो बस्ती रूठ जाती है अगर मैं शहर ना जाऊँ तरक्की रूठ जाती है…
1 तेजाब कुछ आवाजें उठीं कुछ कलम से दर्द बहा कुछ लोगों के मन पिघल गये .. एक माँ की…
1 इस सूखे में बीज न पनपे फिर जीवन से ठना युद्ध है पिॆछली बार मरा था रामू हल्कू भी…
हँसी का सौंदर्य झरने की तरह कल–कल करती ध्वनि आसमान में चिड़ियों का कलरव फूलों पर मंडराते भौंरों का गुंजन…
दुर्जीव पहचान करो पहचान करो, उस दानव की पहचान करो। जो दैत्य से भी बढ़कर है, उस मानव की पहचान…
बातों में बात बातों में उनकी बात करे रातों में उनके साथ जरे माटी के नन्हे दीपक से उजियारे की…
ग़ज़लें 1 प्यार का नाम क्या लिया उसने अपना दामन सजा लिया उसने गुनगुनाती हुई ग़ज़ल की तरह दर्द अपना …
खास कलम : गुंजन गुप्ता हाइकु धनतेरस धन बरसाये व लाये खुशियाँ ॥ धन्वंतरि दें आशीष मिटे रोग रहें आरोग्य…
………………………………………………. परिचय : मुख्य अध्यापिका, केंद्रीय विद्यालय, प्रगति विहार, लोधी रोड, दिल्ली मो.- 09899809960 ब्लॉग – mukharkalpana.blogspot.in