दोहे – जयप्रकाश मिश्र
दोहे – जयप्रकाश मिश्र बच्चें भी पढ़ने लगे, तीर धनुष तलवार । दिल मेरा जलता रहा, देख हजारों बार।। उजड़ी…
दोहे – जयप्रकाश मिश्र बच्चें भी पढ़ने लगे, तीर धनुष तलवार । दिल मेरा जलता रहा, देख हजारों बार।। उजड़ी…
लाल दुख.. दुःख तो हमेशा से ही सदाबहार रहा है पर उसमें खिलने वाले फूल …. वो फूल… जो किसी…
परिचय – कविता एवं कहानी लेखन- ललन टॉप कहानी लेखन प्रतियोगीता में प्रथम पुरस्कार दिल्ली के एक स्कूल मे शिक्षक