विशिष्ट ग़ज़लकार :: हस्तीमल हस्ती
1 रस्ता चाहे जैसा दे साथी लेकिन अच्छा दे प्यार पे हँसने वालों को प्यार में थोड़ा उलझा दे जिसमें…
1 रस्ता चाहे जैसा दे साथी लेकिन अच्छा दे प्यार पे हँसने वालों को प्यार में थोड़ा उलझा दे जिसमें…
ग़ज़ल 1 यों कभी लगता है जैसे मुश्किलों से दूर हूँ, और कभी लगता ख़ुशी की महफ़िलों से दूर हूँ।…
1 कभी बैठेंगे हम,सुख-दुख कहेंगे, अगर ज़िन्दा रहे तो फिर मिलेंगे। बहुत दुख-दर्द जीवन में सहे हैं, ये कुछ…
1 मैं भी हाँ मे हाँ मिलाना सीख ही लूँ जैसा गाना हो बजाना सीख ही लूँ। बॉस की …
1 मुझमें इक दुःख भरा आदमी रहता है वर्षों से अधमरा आदमी रहता है झुकता नहीं किसी भी ताकत…
“ग़म-ए-दुनिया से गर पाई भी फ़ुरसत सर उठाने की” तो फिर कोशिश करेँगे हम भी कुछ-कुछ मुस्कराने की। बशर के…
कैलाश झा किंकर गीत, कविता व ग़ज़ल के प्रमुख हस्ताक्षर रहे हैँ. साहित्य की विभिन्न विधाओ में ये निरंतर सृजन…
रमेश ‘कँवल’ की ग़ज़लें 1 मुंह पे गमछा बाँधने की ठान ली गाँव ने दो गज़ की दूरी मान ली…
1 लोगों जरा तुम सुन लो रक्खो बहुत सफाई कोरोना नाम की इक चीनी बीमारी आई इक दिन दवा बनेगी…
दोस्तो! साहित्य में नौ रस होते हैं. सोचा भी नहीं था कि कभी दस वांँ भी रस होगा और उसका…