विशिष्ट ग़ज़लकार :: अमर पंकज
अमर पंकज की छह ग़ज़लें 1 काश किस्मत की लकीरों से चुराता मैं उसे, साथ साया सा हमेशा पास पाता मैं उसे। है मुहब्बत ही...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: ओम प्रकाश यती
ओम प्रकाश यती की पांच ग़ज़लें 1 जब आएगा कभी ये वक़्त आपदा बनकर रहेंगे दोस्त मेरे साथ हौसला बनकर किसी की पूजा से वह...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: प्रेम किरण
प्रेम किरण की दस ग़ज़लें 1 नफ़रत ही रह गयी है मुहब्बत चली गयी घर से हमारे रूठ के बरकत चली गयी हम भी ख़ुशी...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: सुशील साहिल
सुशील साहिल की पांच ग़ज़लें 1 चराग़े-ज़ीस्त का साया सफ़र में निकला है मेरे वजूद का आधा सफ़र में निकला है नज़र से खींच...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: दिनेश तपन
दिनेश तपन की ग़ज़लें 1 धन दौलत संजोते रह गए पाप उमर भर ढोते रह गए थी ख़ुशियों की जिन्हें तमन्ना वे ही सब...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: रमेश कँवल
रमेश कँवल की छह ग़ज़लें 1 बदला बदला सा है मेरा दफ़्तर रूप सज्जा में है नया दफ़्तर बायोमेट्रिक से लोग आते हैं सीसीटीवी...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: मधुवेश
मधुवेश जी की 230 शेरों की लंबी ग़ज़ल का कुछ अंश ग़ज़ल : बहुत पहले न मोटर थी न बाइक थी न रिक्शा था...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: महेश अग्रवाल
1 हो न जाएं ख़ाक ये सद्भावना की बस्तियांँ मज़हबों की माचिसों में नफरतों की तीलिया कुछ हवा कुछ रोशनी कुछ खुशबुएं मिलती रहें,...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’
डॉ विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ की चार ग़ज़लें 1 मुझे इश्क़ का तो पता नहीं , तेरे दिल का मुझको ख़याल है , जो मैं...
विशिष्ट ग़ज़लकार :: समीर परिमल
समीर परिमल की छह ग़ज़लें 1 आगे बढ़कर जी लूँ जिसको लम्हा ढूँढ रहा हूँ मैं काले सायों में इक साया अपना ढूँढ रहा हूँ...