विशिष्ट ग़ज़लकार :: महेश अग्रवाल

1 हो  न  जाएं  ख़ाक ये  सद्भावना   की  बस्तियांँ मज़हबों  की  माचिसों में  नफरतों  की  तीलिया   कुछ हवा कुछ रोशनी कुछ खुशबुएं मिलती रहें,...

विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’

डॉ विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ की चार ग़ज़लें 1 मुझे इश्क़ का तो पता नहीं , तेरे दिल का मुझको ख़याल है , जो मैं...

विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ. पंकज कर्ण

डॉ.पंकज कर्ण की दो ग़ज़लें 1 हमें तहज़ीब दुनिया की वो कुछ ऐसे सिखाता है निगाहें हम मगर वो देखिए उंगली उठाता है तिरंगे में...

विशिष्ट ग़ज़लकार :: मधुकर वनमाली

मधुकर वनमाली की तीन ग़ज़लें भारत जनम यह देश की खातिर,हमारी जान है भारत तिरंगा झुक नहीं सकता, हमारी शान है भारत बड़ी मुश्किल से...