विशिष्ट गीतकार :: यश मालवीय
यश मालवीय के पांच गीत शरद का एक गीत हंसी की चिठ्ठी ना आई,आई है पूनम साँसों घुला शरद शहदीला बर्फ़ानी मौसम गर्म पुलोवर के भीतर भी कितने भीगे हम…
यश मालवीय के पांच गीत शरद का एक गीत हंसी की चिठ्ठी ना आई,आई है पूनम साँसों घुला शरद शहदीला बर्फ़ानी मौसम गर्म पुलोवर के भीतर भी कितने भीगे हम…
डॉ. मंजू लता श्रीवास्तव के पांच गीत समय निरुत्तर समय निरुत्तर व्यक्ति निरुत्तर उत्तर नहीं किसी के पास जीवन की अनबूझ पहेली डिगा रही मन का विश्वास कटे पंख फिर…
अवनीश त्रिपाठी के आठ गीत कब तक अपने दोष मढोगे कब तक अपने दोष मढोगे दूजे के ऊपर प्रायश्चित का जिम्मा अपने भी सर लो बाबू! सदा मीडिया…
अंजना वर्मा के पाँच गीत (1) यह समय खामोश रहने का नहीं है इस तरह हैवानियत का खेल जो खेला गया आदमी की असलियत वह खोल करके रख गया और…
टर्निंग पोइंट – गीता पंडित “मिस्टर रॉबर्ट, आप यहाँ विदेश में कामियाब बिजनेस मैन हैं. आपके पिता इंडियन थे इसलिए आप से ही पूछती हूँ कि यहाँ…
गरिमा सक्सेना के पांच गीत (1) दुहरापन जीते हैं झेल रही है नयी सदी यह मन-मन की संवादहीनता मन पर हावी हैं इच्छाएँ अस्त-व्यस्त ये दिनचर्याएँ छीन रही है सुख…
राहुल शिवाय के पांच गीत कौन करे पतितों को पावन बापू! कैसी थी बतलाओ आजादी की शाम आज अलग है क्या उस दिन से भारत का परिणाम सत्याग्रह ने अर्थ…
दिनेश प्रभात के चार गीत शर्माने में सूद आँगन जैसे युवा हो गया, देहरी हुई जवान फागुन में गूँगी दीवारें, देने लगीं बयान मौसम ने कुछ गीत रचे हैं…
रंजना गुप्ता के तीन गीत नदी की पीड़ा तुम क्या जानो पीर नदी की कितनी बार सिसक कर रोई जंगल जंगल घाटी घाटी चलती रही कभी न सोई …
अब देह का है कहाँ नेह प्रिये ! निस्तेज हुए अब नैन तेरे, वेणी में झलकते, केश धवल ! मुस्कान की झीलें, सूख गई, कुम्हलाने लगे, अधरों के कंवल !…