खास कलम : गुड़िया पांडेय

दुर्जीव

पहचान करो पहचान करो,
उस दानव की पहचान करो।
जो दैत्य से भी बढ़कर है,
उस मानव की पहचान करो।

जो रोज आके इन गलियों मे,
एक ढुंढता शिकार है।
मस्तिष्क मे इसके घुम रहा ,
एक सस्ता व्यभिचार हैं।

नष्ट कर दो उस वृत्ति को ही,
मत उसका सम्मान करो।
जो दैत्य से भी बढ़कर है,
उस मानव की पहचान करो।

जो कदाचार अपनाया है,
जिसकी एक काली माया है।
उखाड़ फेंको उस जड़ को,
वो जितना मजबूत बनाया है।

जितना भी हो सके संभव,
उतना इसका अपमान करो।
जो दैत्य से भी बढ़कर है,
उस मानव की पहचान करो।

इन्सान के रूप मे घुम रहा,
वो काला शैतान है।
दुष्कर्म हजारों कर के वो,
खोले वो दुकान है।

बन्द कर दो उस मंजर को,
मत उसपे एहसान करो।
जो दैत्य से भी बढ़कर है,
उस मानव की पहचान करो
………………………………..
परिचय :
कविता लेखन, कई पत्रिकाओं में प्रकाशन
जिला – गोपालगंज (बिहार)
शिक्षा-स्नातकोत्तर(भूगोल)
फ़ोन- 7091347077
इमेल-kumariguriya16795@gmail.com

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *