श्रद्धांजलि :: अमन चांदपुरी/ ग़ज़ल :: अवधेश प्रसाद सिंह
कौन कहता आदमी को काल कोई खा रहा
ले गया जो कल अमन को क्या किसी को भा रहा
कर रहा बदनाम मच्छर डेंगू को ही सब यहां
क्या किसी उपचार का भी शोध कोई ला रहा
हर किसी का दिल दहलता है अमन की मौत से
दोष क्या था उस बिचारे का नहीं बतला रहा
हर किसी को बाल बच्चे की फिकर तो है यहां
है सभी संतान हम सब क्या समझ वह पा रहा
गर नहीं तो कौन पूजेगा भला उसको यहां
जो बजायें ढोल बाजा वह जमीं से जा रहा
– अवधेश प्रसाद सिंह