जिनके लिए | एक चोर | सरलता |
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समय को बांधो और फेंक दो सूर्य पर समय का क्या करेंगे हम समय में इतने प्रधानमंत्री राष्ट्रपति न्यायधीश बन रहें हैं हत्याएँ समय में हो रहीं हैं समन्दर में समय को फेंको वृद्ध समय में बहुत कम बचें हैं प्रेमिका समय से भाग रही है पर्वत उठाओ और समय को ढक दो तीन तह नीचे समय में आग लगी हुई है कवि सरकार से खुश नहीं हैं इस समय दिल से कह रहा हूँ हर समय को मुस्कान में बदल दो हर जगह और हर नागरिक के आँखों में झाँकों देश खाली मिल रहा है हर समय. | जाने तो कैसे जाने फूल की तरह सुंदर था वह पलाश की तरह खिला हुआ घास पर लेटते ही बोला कविता नहीं सुनाओ एक बात सुनो तुम कवि हो चोर हूँ मैं दोस्ती टूट गई तड़ से कड़ी धूप में भक से जैसे सरकंडे की छड़ी फटाक से टूटती है चोर ने कहा तुम सुखे पत्ते देखते हो कविता के लिए सुखी नालियाँ देखता हूँ मैं चोरी के लिए... लाख कोई जतन कर ले तुम्हारी कविताएँ चोरी हुईं कभी? तो मुझे बताना उसका घर खाली कर दूँगा हूँ मस्ताना और मैंने कहा -- बाक | यह फूल जो सुगंध दे रहा है जड़ मे ही सुगंध है नहीं बीज में है ओह ! बीज जी हाँ . पहले जहाँ लगा उगा दिखा सुगंध फैला ब्रह्माण्ड में सुंगध शब्द भी पहले वहीं आया हाहास बाँधते इतने दिनो बाद मेरी कविता में आया जैसे रोज़ आती है हवा जीवन में जैसे आता है कोई कुत्ता किसी बुद्ध के पास कविता का सूफी बुद्ध हूँ आम इंसान बने रहना कितना कठिन हो गया पृथ्वी पर यह तो कविता लिखते वक्त सोचा भी नहीं था सुगंध के बारे में |
खटना | पृथ्वीकरण | दो पानी दो |
खटकर खाट पर सो गया वह और साँस लेने लगा जोर से सपनो की आँधी जवानी में हीं भूल गया वह क्या करे न करे ठहरा हुआ ठगा हुआ था लगातार अपने दम पर उठाना चाहता था पहाड़ वह बहुत थक चुका था आखिरी दम तक लड़ना चाहता है कटहल का पेड़ आम का पेड़ सब देख रहे थे एक आम गिराऔर खाया कुछ तबतक बेटी की रोने की आवाज आई लगा देश की सारी बेटिया रो रहीं हैं वह पसिना पोछ रहा था एक हाथ से दूसरे हाथ से आम खिला रहा था वह लगातार खट रहा था जितने खटमल नहीं दौड़ते अपने पाँव से वह कमीज फटा हुआ उतारा गंजी फटी हुई लेकर खेत की ओर दौडा़ गाना गाते आखिरी गोहट मारने के चक्कर मे पछाड़ मार गिर पड़ा बेटी ग्लाश लिए हाथ में आँसू से भर दी और लोटा का जल कौआ पी रहा था वह घर नहीं लौटा बेटी कौआ के साथ आ गई और खाट पर सैकड़ों आम गिरे हुए थे गुठली एक दिन पेड़ बन फिर आम बनेगा कटहल कभी नहीं आम का दिन आ रहा है. | सत्ता के दलाल घूम रहें हैं चौक चौबारे घाट घाट इस समय कोना कोना लेकर दोना दोना वे लौटेगे पाँच साल बाद पर्व पर तंत्र पर जनता का जब नहीं होगा संवाद पंडितों पूजारियों किसानों के पास आलयों में दौड़ेगे , भकोसेंगे नया कुछ खास संस्कृति की बातें होगी लोक भाषा होगी समय से उग आयेगे वे सूर्य की ताप सहेंगें लाखो खर्च करेगें हर हर हर होगा कभी दाम बढेगा हम माड़ पीयेंगें समन्दर का तेल का खेल होगा पेन्सिल चॉक गायब होंगे हम कामयाब होगें एक पृथ्वी होगी पृथ्वीकरण होगा घाट घाट का पानी सुखा होगा दलाल जश्न मनाएँगे थपरी हम बजाऐगें उस समय कोई संहिता नही होगी आइए पर्व मनाएँ एक कौर खाए | बैंड बाजे के साथ दो तरह के लोग रोते रहे एक विदा करते हुए दूसरे विदा होते हुए हर रंग में दो रंग मिले हुए मिले हर मनुष्य में दो मनुष्य मिले हर चिड़िया चोंच में दो तरह के दाने छूपा लेती है हर समय दो तरह का जीवन होता रहा है यह दो खूद एक और एक दो से बना है कोई भी अपराध दो कारण से हुए और दो अपराधी दो बयान में दिए यहाँ तक की गोलियाँ दो चीजों से बनी और दोनो भुजाओं में लगी हर क्रिमनल का दो रूप मिला पहले वह सीधा सादा इंसान रहा हर पेड़ के नीचे दो प्रेमी मिले और हर जगह सुखा और गिली धरती मिली मित्रों ! कविता जो रची गई वह बस गई दो और दो से जिसमें भावना थी और आत्मा (शरीर) था हमने पृथ्वी के दो चक्कर लगाए और हर बाप बेटी को दूसरे हाथ में दे दिया हर बच्चा दो तरह से पेश आया रोता हुआ और हँसता हुआ फिर भी हम न जाने क्यों दुनिया में अकेले रहना चाहते हैं |
ये शांत मन | भेली | दुनिया का आंगन |
जी घबराता है मनुष्य से नहीं बॉस की हरकत से ये शांत मन मेरा उड़ा जा रहा है रोज़ बुद्ध के पास पृथ्वी के एक कोने में मिली है थोड़ी जगह कार्यालय की जगह हमेशा असूरक्षित रही है बॉस के कारण ये दुनिया पर रेंगने वाले जीव ! तुम शांत हो जावो मेरे मन की तरह डिस्टर्ब न हो भगवान के शरण में मत जावो नहीं तो कल ही बॉस रे मारेगा दरअसल दुनिया का युद्ध यहीं से शुरु होता है पेड के पतों से दोस्ती है हमारी जहाँ बॉस की गाड़ी लगी रहती है झटका देनेवाली हवा से फ्रेंडशीप बढ़ा रहा हूँ मोबाईल कनसर्न बढ़ा रहा हूँ सरकार के अधिकारी ने पूछा - कैसा है बॉस मेरी आवाज भभक कर बाहर आ गई यह सम्मान का समय खोता जा रहा है कवि किसी के शरण में नहीं रहा है आज बुद्घ को याद कर रहा हूँ .. एक और दुनिया है जो बाट जोह रही है तोष इतना है कि पतों की तरह हरा हूँ ! | औरतें हैं तो पेड़ हैं फूल है फल है पहला फल औरतों ने चखी सड़ता हुआ देखी उगता हुआ संजोई पेड़ बढ़ते गए कटते गए फल फटते गए पृथ्वी पर पहली बार घरों मे कैद स्त्रियों ने ही फल को देखा धरती सुंदर होती गई रात गहरी होती गई मनुष्य हारता गया पराजय हवा ने दिलाई और मौसम से बढ़ते गए हम ढ़लते हुए सूर्य को रंगों में बदला चंपई चंपा साड़ी ली भंटई खोटा बाँधकर बढ़ गई खेतों में फसलो के बीच पसीने के गंध से इत्र मित्र हुआ हम स्त्री के पक्ष में हैं तप और ताप के बीच भेली खा रहा हूँ एक लोटा पानी पीकर ... | स्त्री पर भरोसा कर रख दिया उसके लबों पर होंठ नाभी पर हाथ दो खेत लहलहाने से पहले सुखने लगे केक काटने से पहले वे काटने लगे हमें निहत्था क्या करता ठीक से देखने के पहले आँख पर बाँध दिया सब पट्टी और नंगा कर आग लगाने की कोशिश की पेड़ गवाह बचा था मन रुठा नहीं झांई मार दिया दोनो को और हम दोनो तलाब में कूद कर जान देने की कोशिश की पाँव तले मछलियों ने ऊँचा मिनार बनाकर बचा लिया धीरे से अंत में एक विधवा औरत का घर काम आया और लौटकर धूल को संदूर बनाया भर दिया पुरी दुनिया के आँगन में वहाँ जीवन था |
मेका | रूप | ईश्वर |
चढ़ो और चढो़ उड़ जाओ आसमान में यह शोभनीय है चाँद सितारो सा वैज्ञानिक एक दिन खोज करेंगे इस अदा पर कैसे चढ़े पेड़ के शाखा पर एक दिन उत्तर भारत की बकरियाँ सोचेंगी कि हम भी पैदा हुए थे भारत में भारत में आग लगी हुई है यह पेड़ यह मेका यह अासमान यह दृश्य कैसे बच गया तिरुपति के रास्ते खगोलवेत्ता निहारेगे एक साथ भारत में कई तस्वीरें बदल रहीं हैं एक साथ कई नारे लग रहें हैं एक साथ कई हत्याएँ हो रही हैं एक साथ बच जा रहें हैं हम समय का संगत करते हुए हमने कई कई क्षेत्रों में कई कई बार सोचा कि दुनिया बदल रही है राजनीति बदल रही है सोच बदल रही है यह मेका क्यों नहीं बदल रहें हैं क्या एक दिन इनकी भी हत्या होगी क्या यह भी घास के शौकीन हो जाऐगे हमने सोचना छोड़ दिया है . हम देश प्रेमी है देश पर सोचेगे मेका पर माथा कौन खपायेगा ? पेड़ पर चढ़े या घास खायें ! दुनिया बदल रही है जरुर दुनिया बच रही है मेका से.... | रंग कभी भंग नहीं करता समय से रंगत में रहता है हर कोई के पास कोई न कोई रंग है हरा काला उजला नीला बैंगनी चंपई गेहूँवा, भंटई रंग हर सब्जी और फूलों में बसा है मनुष्य के रोगों में भी | मैं चाहता हूँ ईश्वर से मिलना . ईश्वर लापाता हैं जमीन का ईश्वर गाली बक रहा आसमान का ईश्वर पानी से घर बहा रहा ईश्वर के हाथ कैसे होतें हैं ईश्वर को ट्रेन में खोज रहा हूँ रेल की पटरियों पर यहाँ गंदा है गंदे जगह ईश्वर रहतें हैं क्या ईश्वर पानी दो घूँट घूँट पी लूँ मरूँ नहीं मेरी बच्ची ईश्वर से बात नहीं कर पा रही नहीं पढ रही बोर्ड में ईश्वर नहीं टीचर रहेगें फौज की तरह तैनात विनाशक को नाश कब करेगें ईश्वर आप होटल में या मंत्री के घर में छूपे तो नहीं हैं ? देश में ईश्वर के रहते कोई क्यों भीख माँग रहा है....? |
बच्चे | ||
बच्चे खेल रहें हैं हम नहीं बच्चे दौड़ रहें है हम नहीं बच्चे कूद रहें हैं हम नहीं बच्चे हँस रहें हैं हम नहीं बच्चे बच्चे के साथ है हम नहीं दुनिया के बच्चे एक जैसे हैं हम नहीं हम बच्चों की दुनिया में हैं केवल और कहीं नही राजा बच्चों के भार से दुखी है हम नहीं हम नहीं हम नहीं किसी ने कहा है भागो नहीं दुनिया को बदलो मेरा कहना है बच्चे पहले अपनी तरह से बदलें दुनिया पुरानी हो चुकी है बच्चे हमेशा नये होते हैं तो दुनिया नई होगी! दुनिया की आवाज नई होगी...! |
परिचय : हिंदी कविता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण हस्ताक्षर. कई पुस्तकें प्रकाशित
पता : फल मंडी, गुलजार पोखर, आरा. मो. 8521082676
Very good kya bat kahi. Ati uttam vicharo ka samavesh.
Jai Ho.
Finn Jones makes his maiden http://gamedeveloperworld.com/the-wolf-hack-android-v2-21b/ – http://gamedeveloperworld.com/the-wolf-hack-android-v2-21b/ as Ser Loras Tyrell, the youthful jouster known as “The Knight of Flowers.” The casting was united of the opening to be announced, being confirmed nigh father George R. R. Martin in June 2010 after it had been leaked up front the promise was to be signed. The actor had initially been considered for the duty of Jon Snow when the steersman was being filmed.
I love it! It’s for all my favorite simulator game yet. Though there are a insufficient things I order were share of the game. Such as a confrere structure, as superbly as a custom to structure an actual pack. It would also be notable if you could stump certain players, certainty a valid sanity of course. And I think it would unquestionably combine to the recreation test if you could put the animals you’ve killed and drink from the streams and rivers. Extreme Evaluate
Loved it at premier until I realized the whole shebang was scaling up with my smooth out, including which players I was with. I didn’t to resolved the whet, but what’s the sense of working hard to fathom stronger when the artifice works like this? Altogether poor, it means gameplay doesn’t surely change and it doesn’t make any easier. Had a lot of developing too. Chock-full Reconsider
DragonballTheory 101 May 8, 2017 I like how it works and it’s a fill of fun. To name it beat on the co-op map that should be PVP with up to 4-8 packs battling it out. Alpha is cool but Alphas should sire the genius for 50% more xp per kill. More abilities. Snowball lvl submissively N amuse make the Dire Wolf an option. Entire grand match more topography e.g snow, wasteland would be nice. Full Re-examine
xXDevilz- LadyXx February 16, 2017 Fully devotion it, it’s relaxing, stress sprung, it helps with my depression. Could tote up a scarcely any things. Could augment northern hemisphere, forest, marsh and so on maps, a opportunity to report, in search alfa, deliver a virile and female, not just harmonious or the other, the mating, should press a herself’s legitimate grow older in a bio or something, who knows if it’s a pre-teen or teen your chatting with, and some people do become known evil-minded when it comes to this kind of passion, adding friends would be extraordinary, you fitting someone in a regatta and who knows when you can check out or vs with them again. Thanks you and keep up the good work. Plenary Look at
Cortege 26, 2017 Join friendlist if possible so that we can continue them, fit in their lobby/map and temporize with them next stretch whenever they’re go online. Place something on which we can send them pal plea on clicking their standing on the scoreboard. And delight reckon constantly rewards/achievement reward/daily call into or something to the game. Desire don’t enhance the calculate of ads. Full Notice
Connor West From the start off, wonderful game. Tease to toady to, good controls, but that isn’t why I am writing this review. I made a securing of some gems and there was an wickedness as the attain happened and I didn’t get the gems, moreover my file card was quiescent charged. I can email you the receipt to verify the transaction. I would either like my gems or to have my purchasing credited subvene yo my account. Either solitary works. Regardless, fun meet! Appreciation you so much in advance.
Grandest Sovereign July 5, 2017 The Wolf is ok. Needs alot more content. Like more maps for grinding. Snow, run away from etc. EXP remuneration on certain hours. Curious bosses for gang grinding or some purlieu defense! Each subdue map has a pvp breadth so pvp players can brawl in support of a buff largesse on that map! And at anytime that hand-out can be challenged in the pvp bailiwick nearby a different coterie despite the fact that the defending buff holder does not possess to sympathize with and can simply propound the buff earned in the interest of its max hour earned. Restrain it up looking forward to seeing it cajole better. Jam-packed Journal