विशिष्ट गीतकार : जय कृष्ण राय तुषार

एक गीत-ये हमारे प्रान
बहुत
मुश्किल से
हवा में लहलहाते धान
ये नहीं हैं
धान ,
प्यारे ये हमारे प्रान !

जोंक पांवों में
लिपटकर
रही पीती खून,
खुरपियों से
उंगलियां काटीं ,
बढ़े नाखून,
गाल में
बस एक बीड़ा
रहा दिनभर पान

एक झिलगां
चारपाई
कटे कैसे रात,
पिता बहरे
और माँ को
हुआ पक्षाघात,
मौसमों से
दर्द का
मिलता रहा अनुदान

सिर्फ़ अपना
हौसला है
खेत-क्यारी में,
बीज-पानी
उर्वरक
सब कुछ उधारी में ,
पर्व होली का
इसी से,
इसी से रमज़ान

आखेटक चुप्पियाँ तोड़कर
आज हँसेंगे
सारा दिन, हम
आखेटक चुप्पियाँ तोड़कर

इस पठार की
आंखों में भी
कुछ सपने  होंगे वसंत के,
हम रूमानी
गीत पढेंगे
नीरज,बच्चन और पन्त के,
बिना पुरोहित
कथा सुनेंगे
आज बैठना गाँठ जोड़कर

प्यासी हिरणी
प्यासा जंगल
यहां नहीं चम्पई पवन है,
बंजारों की
बस्ती में कुछ
अब भी बाकी प्रेम अगन है,
आओ सबकी
प्यास बुझा दें
इस हिमनद की धार मोड़कर

कच्चे घर में हम
बादल
फटते रहे नशे में
कच्चे घर में हम
इन्दर राजा
इन्द्रलोक में
पीते होंगे रम

कर्जदार
सूरज पच्छिम में
बड़े ताल में डूबा,
सूदखोर के
नए लठैतों का
पढ़कर मंसूबा,
बस्ती में
बस कानाफूसी
नहीं किसी को ग़म

जूते लिए
हाथ में कीचड़-
पानी में उतरे,
खड़ी फसल को
आवारा पशु
चूहे कुछ कुतरे,
जितना
बोये बीज खेत में
पाए उससे कम

अज़नबी
अज़नबी की
तरह घर के लोग
ये कैसा चलन है
हम कहाँ पर
खड़े हैं ऐ
सभ्यता तुझको नमन है

कहकहे
दालान के चुप
मौन हँसता, मौन गाता,
सभी हैं माँ-पिता
ताऊ,बहन,
भाभी और भ्राता,
सभी घर
वातानुकूलित
मगर रिश्तों में गलन है

कई दरवाजे,
खुले कुछ बन्द,
कुछ ताले लगे हैं,
खिड़कियों पर
धूल ,रोशनदान
पर जाले लगे हैं,
है नहीं संवाद
घर मे ट्विटर
पर सबका मिलन है

अब रसोईघर
नहीं ,उपले, नहीं
खपरैल कच्चे,
लॉन में
हिलते हवा से
फूल,भौरें, नहीं बच्चे,
वक्त कितना
बेरहम है
या कहें कुछ बदचलन है

कास-वन जलता रहा
कास -वन जलता रहा
भोर में
उगता रहा और
साँझ को ढ़लता रहा

सूर्य का
रथ देखने में
कास -वन जलता रहा

नदी विस्फारित
नयन से
हांफता सा जल निहारे,
गोपियाँ
पाषाणवत हैं
अब किसे वंशी पुकारे ,
प्रेम से जादा
विरह दे
कृष्ण भी छलता रहा

चांदनी के
दौर में मैं
धूप पर लिखता रहा,
दर्पणों में
एक पागल
आदमी दिखता रहा,

सारथी का
रथ वही
पहिया वही चलता रहा
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परिचय :  पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर रचनाओं का प्रकाशन. गीत संकलन सदी को सुन रहा हूं मैं प्रकाशित.
संप्रति : अधिवक्ता, उच्च न्यायालय, इलाहाबाद
संपर्क : एस-2, ऑफिशर्स हॉस्टल, इमंड रोड, इलाहाबाद – 211001
मो. 9005912929

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