विशिष्ट गीतकार :: डॉ रंजीत पटेल

निर्भया को याद करते हुए                                  उजाले समय में तमस डाला डेरे राह में चतुर्दीक कंटकों के घेरे छला है उसे सबने रौंदा मन के सपने बचकर कहाँ  जायें हर जगह…

विशिष्ट कवि :: श्यामल श्रीवास्तव

वायरस जानते हो समय भूमंडलीकरण में जितने हम-सब पास-पास आयें थे उतने ही दूर होते जा रहे हैं इंसान अपने हाथों अपनी सभ्यता को नष्ट करने पे तुला है एक…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: दिनेश मालवीय अश्क

1 मैं  भी हाँ  मे  हाँ   मिलाना सीख ही लूँ जैसा  गाना  हो  बजाना  सीख   ही लूँ।   बॉस  की  हर  बात  पर, बेबात पर भी क़हक़हा  खुलकर लगाना सीख…