अभी ख़ून से शेर लिखने हैं हमको— डॉ. उर्मिलेश :: वशिष्ठ अनूप

अभी ख़ून से शेर लिखने हैं हमको— डॉ. उर्मिलेश वशिष्ठ अनूप   परिंदों में कोई फ़िरकापरस्ती क्यों नहीं होती, कभी मंदिर पे जा बैठे, कभी मस्ज़िद पे जा बैठे। तीर…

टूटे हुए कंधे :: अंजना वर्मा

टूटे हुए कंधे            -अंजना वर्माअतुल सोफा पर निढाल पड़ा हुआ था। यादों की उथल-पुथल उसे चैन नहीं लेने दे रही थी। जो बीत गया वह अपने…

लघुकथा :: सुरेश सौरभ

सुरेश सौरभ की दो लघुकथाएं सहारे  घर की  तंगहाली से परेशान हो, उसे दूर करने हेतु, वह भगवान के सहारे होकर , एक दूर के पहुंचे, भगवान के पास पहुंची।…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: देवेंद्र मांझी

देवेंद्र मांझी की पांच ग़ज़लें 1 तमाम रात तड़प कर निकाल दी मैंने क़ज़ा भी आई जो सर पे वो टाल दी मैंने   ज़माना मेरे तअक़्क़ुब में क्यों है…

विशिष्ट गीतकार :: अनामिका सिंह

अनामिका सिंह के दस गीत शाम सबेरे शगुन मनाती  शाम सबेरे शगुन मनाती खुशियों की परछाई अम्मा की सुधि आई । बड़े सिदौसे उठी बुहारे कचरा कोने – कोने पलक…

अदम्य :बिहार के युवा ग़ज़लकार :: देवयानी झाडे

अदम्य :बिहार के युवा ग़ज़लकार ‘अदम्य’ ग़ज़ल-संग्रह अपने समय की तमाम दबी कुचली और पीड़ित आवाजों को मुखर बनाने में सफल हुआ है| यह पुस्तक हाल ही में श्वेतवर्णा प्रकाशन…

विशिष्ट कवि :: डॉ.विमलेंदु सिंह

डॉ. कुमार विमलेन्दु सिंह की चार कविताएं ढेर सारे अक्टूबर  मैं अपने ऊपर का आकाश बदल दूंगा अब, छूट जाएंगी बहुत बातें, यहीं रह जाएंगी, क्वार की उमस, कपासी मेघ,…