विशिष्ट ग़ज़लकार : हरेराम समीप

1 काम जिनके अमीर जैसे हैं देखने में कबीर जैसे हैं रास्ते ये लकीर जैसे हैं और हम सब फ़कीर जैसे हैं एक झोंके की उम्र है अपनी खुशबुओं के…

विशिष्ट कहानीकार : डॉ पूनम सिंह

अनुत्तरित प्रश्न ‘‘पापा , हम मम्मी के पास कब चलेंगे , बताइये न पापा ।’’ रिम्मी के जिस सवाल से राजीव बार-बार बचने का प्रयत्न करता है वही सवाल करके…

विशिष्ट कवि : राज किशोर राजन

ईश्वर की सर्वोत्तम रचना कितनी अजीब बात है जब उचारा आपने कि मनुष्य, ईश्वर की सर्वोत्तम रचना है तो मुखमंडल आपका दिपदिपाने लगा पर जब कहा मैंने कि ईश्वर, मनुष्य…

समकालीन उर्दू हिंदी ग़ज़ल का नया नाम अशोक मिज़ाज बद्र

डॉ हरी सिंह गौर केंद्रीय विश्व विद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा ,समकालीन ग़ज़ल और अशोक मिज़ाज,शीर्षक से परिचर्चा एवं काव्य पाठ का आयोजन किया गया। इसमें मुख्य वक्ता के रूप…

विशिष्ट गीतकार : डॉ बुद्धिनाथ मिश्र

(छोटे बच्चे अक्सर दीवारों पर आड़ी-तिरछी रेखाएँ बनाकर अपनी अद्भुत कलाकारी का इजहार करते हैं. उनके कमासुत माँ -बाप उसे ‘दीवार ख़राब’ करना मानते हैं और बच्चे को डांट -फटकार…

विशिष्ट कवयित्री : प्रतिभा चौहान

सिलवटें एक दशक पुरानी है चट्टान खामोशी की और खर्च किये जाने से बचा हुआ है धीरज आकाश के पर्दे पर टका हुआ है जगमग संसार तुमसे मांगना है सारे…