लघुकथा :: डॉ. सुमन मेहरोत्रा
हमारा राष्ट्रीय ध्वज – डॉ सुमन मेहरोत्रा कल स्कूल में झंडा फहराया जायेगा.…
हमारा राष्ट्रीय ध्वज – डॉ सुमन मेहरोत्रा कल स्कूल में झंडा फहराया जायेगा.…
एक तीर दो निशान ज्वाला सांध्यपुष्प शाम का वक़्त था। प्रभारी सब-इंस्पेक्टर आर के यादव अपने साथी सब-इंस्पेक्टर सुदीप पांडेय…
अश्विनी कुमार आलोक की दो लघुकथाएं मूर्त्तियाँ मैं स्वयं नहीं समझ पा रहा था कि मैं किस मिट्टी का…
जरा सोचिए साधो आज फिर पिट कर आया। बालो ने उसकी बुरी तरह पिटाई कर दी थी। एक-एक हड्डी तक…
बड़ा पाप – चांदनी समर संध्या के समय जब समुद्र की लहरें किनारे से टकरा कर दम तोड़ रही थी…
मरछिया जयप्रकाश मिश्र अनाथ मरछिया कुत्ते के जूठे पत्तल चाट-चाटकर युवती हो गयी थी । आदर्श की रेशमी चादर ओढ़कर…
अंकुश – संतोष दीक्षित साहेब सरकारी संत थे। एक सरकारी मठ के प्रधान थे।उन्हें खाने के…
खबरी अम्मा – नज़्म सुभाष अहले सुबह उठकर सारी नित्यक्रिया निपटाकर अंततः अम्मा छः बजे…
मोद का तिलस्म धरती गांव की बहुत खुश है। और हर्षित हैं, सारे खेत – खलिहान। समझ नहीं आया तो…
तपस्या संगीता चौरसिया, खगड़िया रविन्द्र पांच भाई बहनों में तीसरे नंबर पर था। उससे छोटी दो बहनें थीं जिसमें से…