मेरे मन में कौंधते हैं
मेरे मन में कौंधते हैं
कुछ सवाल
कि लोग क्या सोचते हैं?
मेरे बारे में!
मुझसे क्या अपेक्षाएं
क्या आशाएं हैं उनको
क्यों समझ नहीं आती मेरी
बेचैनी
और मेरे चुप रहने का कारण
क्या चाहता हूं में लोगों से
ये मेरी समझ में भी
नहीं आता
क्या कारण है कि इन उलझनों में
उलझ जाता हूँ
कभी कभी अपनी बात
रख नहीं पाता
दूसरों के सामने
और वक्त बीत जाने पर
अफसोस क्यों होता है?
कौंधता है ये सवाल
कि इन सवालों का जवाब
है किसके पास
मिल भी पाएगा क्या
इन सवालों का जवाब?
मेरे मन मे कौंधते रहते हैं
ऐसे ही कुछ सवाल।
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संपर्क : रामपुर डेहरू, मधेपुरा, बिहार
संपर्क : रामपुर डेहरू, मधेपुरा, बिहार