आशीष मोहन की तीन कविताएं
मुहब्बत
इस बार मुहब्बत के,
कुछ शब्द लिखे हमनें।
इक मां, फिर मां, यही
कई बार लिखे हमनें
छुअन
मां के हाथों की
नाजुक छुअन में
एक जादू
सा होता है,
दर्द कहीं भी हो
मां ने छुआ
कि दर्द
नदारद होता है।
मां ईश्वर का नाम
संसार भर के
बच्चें जब
मां कहते है,
दरअसल
मां नहीं कहते
ईश्वर का
नाम लेते हैं।