हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’ के पाँच गीत 

हरिहर प्रसाद चौधरी ‘नूतन’ के पाँच गीत  (कवि की पुण्यतिथि पर स्मरण)    विघटन की गहराइयाँ  छोटे-छोटे सुख के पौधे, ऐश्वयों की डालियाँ बौरायी हैं खट्टे-मीठे फलवाली अमराइयाँ । धोखे…

संत कवि दादू :: डॉ. श्रीरंग शाही

( डाॅ श्रीरंग शाही की पुण्यतिथि 25 सितंबर पर विशेष –  उनके द्वारा लिखित आलेख संत कवि दादू) संत कवि दादू डाॅ श्रीरंग शाही दादू दयाल सर्वात्मवाद के प्रवर्तक और…

संपादकीय – आजादी को रग-रग में महसूस करें, राष्ट्र प्रेम सर्वोपरि राष्ट्र किसी भी चेतना संपन्न मनुष्य के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है। जिस भूमि के अन्न-जल से हमारा तन…

विशिष्ट गीतकार :: हीरालाल मिश्र मधुकर

विशिष्ट गीतकार- हीरालाल मिश्र मधुकर  उठो जवान उठो जवान! मातृभूमि को नया विधान दो। वसुन्धरा पुकारती प्रवीण प्राण दान दो। उठो किसान, बाल-वृंद, वृद्ध-नौजवां उठो, उठो कराल काल कालिका के…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ. पंकज कर्ण

डॉ.पंकज कर्ण की दो ग़ज़लें 1 हमें तहज़ीब दुनिया की वो कुछ ऐसे सिखाता है निगाहें हम मगर वो देखिए उंगली उठाता है तिरंगे में बसा ईमान सबका जानने वाला…

पुस्तक समीक्षा :: एटमी हथियारों की होड़ पर गंभीर सवाल ‘रुई लपेटी आग’ :: ऋचा वर्मा 

एटमी हथियारों की होड़ पर गंभीर सवाल ‘रुई लपेटी आग’ :: ऋचा वर्मा  (अवधेश प्रीत की पुस्तक ‘रुई लपेटी आग’ की समीक्षा) अपने पहले उपन्यास ‘अशोक राजपथ’ से समकालीन उपन्यास लेखन…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: दिनेश प्रभात

तिरंगे की शान है दिनेश प्रभात  पर्वत की चोटियों पे तिरंगे की शान है कह दो कि मेरे देश का सैनिक महान है बेटे ने मेरे दूध का कर्जा चुका…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: मधुकर वनमाली

मधुकर वनमाली की तीन ग़ज़लें भारत जनम यह देश की खातिर,हमारी जान है भारत तिरंगा झुक नहीं सकता, हमारी शान है भारत बड़ी मुश्किल से हो पाया,वतन आजाद यह अपना…