ख़ास कलम :: सविता राज
हर घर तिरंगा फहराया – सविता राज तिरंगा प्यारा हर घर लहराया, आजादी का अमृत महोत्सव आया। भारत की…
हर घर तिरंगा फहराया – सविता राज तिरंगा प्यारा हर घर लहराया, आजादी का अमृत महोत्सव आया। भारत की…
देश भक्ति गीत – हेमा सिंह हम रहे न रहे देश मेरा रहे ! यूँ ही आबाद मेरा तिरंगा रहे! जान है, शान है देश मेरे लिए आन है बान…
हमारा राष्ट्रीय ध्वज – डॉ सुमन मेहरोत्रा कल स्कूल में झंडा फहराया जायेगा. सभी बच्चों को एक झंडा और फूल लेकर जाना था.…
के.पी. अनमोल की दो ग़ज़लें 1 है दिल से ये निकलती सदा वन्दे मातरम मेरे वतन, तू मेरी वफ़ा वन्दे मातरम नापाक हौसलों से कहो ख़ैर अब करें अब हमने…
क़लम के सिपाही – लता सिन्हा ज्योतिर्मय बड़ी थी ललक, करुँ देश की सेवा निरंतर हो लग्न एक सैन्य पुत्री हो के भी…
वशिष्ठ अनूप के दो गीत हमारा वतन जाति-धर्मों में इसको न बाँटे कोई प्रेम की पाठशाला हमारा वतन । इसके जैसा नहीं है कोई दूसरा सारे जग से निराला…
समकालीन हिन्दी ग़ज़ल में युवा ग़ज़लकारों का हस्तक्षेप डॉ.भावना हमारा देश युवाओं का देश है। हर पीढ़ी के पास अपनी सोच और विचार होते हैं, जो समाज के विकास में…
एक तीर दो निशान ज्वाला सांध्यपुष्प शाम का वक़्त था। प्रभारी सब-इंस्पेक्टर आर के यादव अपने साथी सब-इंस्पेक्टर सुदीप पांडेय के साथ थाने के पिछवाड़े के एक प्राइवेट कमरे में…
ग़ज़ल सीमा शर्मा मेरठी 1 ये जुगनू ,चाँद ,सूरज, रौशनी क्या, तुम्हारे बिन हमें देंगे ख़ुशी क्या लड़कपन पर हँसी आने लगी अब, जवाँ होने लगी संजीदगी क्या …
कोरोना काल में बेबसी की कविताएं ‘दुनिया भेलई उदास’ सुधांशु चक्रवर्ती दुनिया की कोई भी भाषा पिंजरे में क़ैद नहीं होती।प्रेम-मुहब्बत,दु:ख-दर्द, भूख, सुरक्षा, सम्मान आदि की भावनाओं एक-दूसरे के बीच…