विशिष्ट गीतकार :: मधुकर वनमाली
मधुकर वनमाली के सात गीत परिचय पूछ रहे हो परिचय मेरा मुझ से क्या मधुकर से पूछो खग मृग जो कुछ नहीं बताए गिरि कानन तरुवर से पूछो। हँसते…
मधुकर वनमाली के सात गीत परिचय पूछ रहे हो परिचय मेरा मुझ से क्या मधुकर से पूछो खग मृग जो कुछ नहीं बताए गिरि कानन तरुवर से पूछो। हँसते…
श्रवण कुमार की तीन कविताएँ सपने आज जबकि पॉश इलाके में रात में ही दिखता है दिन से बेहतर उजाला डोमा पोखर मोहल्ले में जैसे-तैसे रहती काकी की आँखों में…
अनिरुद्ध सिन्हा की आठ ग़ज़लें 1 बाहर न आ सकेंगे कभी भेद भाव से रहते नहीं पड़ोस में जो मेल भाव से अपने लिखे को पढ़ न सके एकबार…
रानी सुमिता की छह कविताएं : मन के भीतर मन स्त्री के मन के भीतर बसता है एक और मन जैसे शाँत नदी के भीतर बहती है एक अलहङ…
कौन लिखेगा – काव्या कटारे मैंने डायरी लिखना शुरू किया…. आज जब मैं उठी तो पाया कि मोहित जाग चुके थे. वह…
हृदय से निसृत साधना का गीत ‘बात करती शिलाएं’ कान्ति शुक्ला काव्य सृजन जीवन का स्पंदन है। जब यही स्पंदन सहजता और सरलता से मुखरित हो जाए तो कविता सृजित…
वो औरत… – डॉ. सोनी थके पांव.. मुरझाया चेहरा.. सूखे होंठ.. आंखों में छुपा.. वह दर्द गहरा.. फिर भी मुस्कुराती है.. चल रही है.. बढ रही है l…
इक्कीसवीं सदी के इक्कीसवें साल की बेहतरीन ग़ज़लें’: एक नायाब संकलन …
संबल (1) मेरे पास सेनाएँ नहीं संबल है जागीरें, धरोहरें, वसीयतनामे नहीं कुछ संकल्प और स्वप्न हैं खेत खलिहान बाग बगीचे मिल कारखाने उद्योग-तंत्र नहीं ऊर्जा से भरे सिर्फ अपने…
एक था हिरामन और एक उसकी प्रेयसी हीराबाई …