विशिष्ट कवि :: रामेश्वर द्विवेदी
दुख आप मरे हुए लोग हैं या अधूरे आदमी क्योंकि नहीं जानते दुख । आपके पास ना होंगे- पर बहुत है दुख दुनिया में । हर कोंपल के पहले पेड़…
दुख आप मरे हुए लोग हैं या अधूरे आदमी क्योंकि नहीं जानते दुख । आपके पास ना होंगे- पर बहुत है दुख दुनिया में । हर कोंपल के पहले पेड़…
दुष्यंत पूर्व हिन्दी ग़ज़लकार : ज्ञानप्रकाश पाण्डेय कोई भी घटना अकस्मात नहीं घटती, उसके नेपथ्य में कोई-न-कोई प्रक्रिया बहुत पहले से चल रही होती है। ग़ज़ल का हिन्दी में आगमन…
अर्थ उलट जाते हैं कुछ बातें सीधी होती हैं लेकिन अर्थ उलट जाते हैं काने को काना कह देना आग लगा देता है अक्सर गहन अमाँ से भी हो जाती…
1 कब तलक मुर्दा बने सोते रहोगे ज़िंदगी की लाश को ढोते रहोगे हाथ पर धर हाथ यदि बैठे रहे तो वक़्त को यूँ ही सदा, खोते रहोगे दीन दुनिया …
शारदे वर देना – मधुकर वनमाली बुद्धि नहीं कोई हर पाए बस यही शारदे वर देना अज्ञान मिटाओ तिमिरों के माँ सरस्वती दुख हर लेना।…
वक़्त के नब्ज को पकडती हुई कविताओं का संग्रह ‘बोलो न दरवेश’ स्मिता सिन्हा हमारे समय की गंभीर कवियत्री हैं। वे सामान्य जीवन में हँसती -खिलखिलाती मोरनी- सी जान पड़ती…
डॉ वशिष्ठ अनूप की कविताएं संघर्ष-प्रतिरोध की आवाज : ओम धीरज कविता अपने आरम्भिक काल से ही श्रुति के पंखों पर सवार होकर यात्रा करती रही है । छन्द मुक्त…
जिंदगी की खूबसूरती को अभिव्यक्त करने वाले ग़ज़लकार हस्तीमल हस्ती – भागीनाथ वाकले आदरणीय हरेराम समीप जी द्वारा सद्य संपादित ‘हस्तीमल हस्ती: चुनिंदा अशआर’ समन्वय प्रकाशन गाज़ियाबाद से प्रकाशित यह…
लोक,समाज और विचारधारा की त्रिवेणी थे बेनीपुरी …