दुष्यंत पूर्व हिन्दी ग़ज़लकार : ज्ञानप्रकाश पाण्डेय

दुष्यंत पूर्व हिन्दी ग़ज़लकार : ज्ञानप्रकाश पाण्डेय कोई भी घटना अकस्मात नहीं घटती, उसके नेपथ्य में कोई-न-कोई प्रक्रिया बहुत पहले से चल रही होती है। ग़ज़ल का हिन्दी में आगमन…

विशिष्ट गीतकार :: मधुकर अष्ठाना

अर्थ उलट जाते हैं कुछ बातें सीधी होती हैं लेकिन अर्थ उलट जाते हैं काने को काना कह देना आग लगा देता है अक्सर गहन अमाँ से भी हो जाती…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: रवि खण्डेलवाल

1 कब  तलक   मुर्दा  बने   सोते  रहोगे ज़िंदगी  की   लाश  को   ढोते  रहोगे हाथ पर  धर  हाथ  यदि  बैठे  रहे तो वक़्त  को  यूँ  ही  सदा, खोते  रहोगे दीन दुनिया …

वक़्त के नब्ज को पकडती हुई कविताओं का संग्रह ‘बोलो न दरवेश’ : ज्योति रीता

वक़्त के नब्ज को पकडती हुई कविताओं का संग्रह ‘बोलो न दरवेश’  स्मिता सिन्हा हमारे समय की गंभीर कवियत्री हैं। वे सामान्य जीवन में हँसती -खिलखिलाती मोरनी- सी जान पड़ती…

डॉ वशिष्ठ अनूप की कविताएं संघर्ष-प्रतिरोध की आवाज : ओम धीरज

डॉ वशिष्ठ अनूप की कविताएं संघर्ष-प्रतिरोध की आवाज : ओम धीरज कविता अपने आरम्भिक काल से ही श्रुति के पंखों पर सवार होकर यात्रा करती रही है । छन्द मुक्त…

जिंदगी की खूबसूरती को अभिव्यक्त करने वाले ग़ज़लकार हस्तीमल हस्ती

जिंदगी की खूबसूरती को अभिव्यक्त करने वाले ग़ज़लकार हस्तीमल हस्ती – भागीनाथ वाकले आदरणीय हरेराम समीप जी  द्वारा सद्य संपादित ‘हस्तीमल हस्ती: चुनिंदा अशआर’ समन्वय प्रकाशन गाज़ियाबाद से प्रकाशित यह…