खास कलम : गुंजन गुप्ता
खास कलम : गुंजन गुप्ता हाइकु धनतेरस धन बरसाये व लाये खुशियाँ ॥ धन्वंतरि दें आशीष मिटे रोग रहें आरोग्य ॥ दीपावली में लक्ष्मी गणेश संग विराजें घर ॥ धन…
खास कलम : गुंजन गुप्ता हाइकु धनतेरस धन बरसाये व लाये खुशियाँ ॥ धन्वंतरि दें आशीष मिटे रोग रहें आरोग्य ॥ दीपावली में लक्ष्मी गणेश संग विराजें घर ॥ धन…
विशिष्ट गीतकार : डॉ रवींद्र उपाध्याय धूप लिखेंगे, छाह लिखेंगे धूप लिखेंगे, छाह लिखेंगे मंजिल वाली राह लिखेंगे खुशियों के कोलाहल में जो दबी-दबी है आह, लिखेंगे बादल काले – उजला…
विशिष्ट कवि : शहंशाह आलम घाटी के नीचे घाटी घाटी के नीचे की घाटी के बारे में सबको पता नहीं है सदियों से दुर्बल के भीतर रहता है एक और…
विशिष्ट गजलकार : शिवकुमार बिलगरामी (1 ) एक महफ़िल सजाये बैठा हूँ तुझ से दिल को लगाए बैठा हूँ तुझ से मिलने की बेक़रारी है बेक़रारी दबाये बैठा हूँ तेरे…
किवाड़ों का पसीजापन उसका रुकना जैसे एक गजब हो गया था। न जाने वह क्यों रुक गयी थी? क्या भुला दिए गए लोगों को ऐसे रुकने का अधिकार होता है?…
विशिष्ट गजलकार : दरवेश भारती 1 हम ज़िन्दगी की राह खड़े देखते रहे झूठी खुशी की राह खड़े देखते रहे आयेगी और मिटायेगी जो तीरगी-ए-ज़ेह्न उस रौशनी की राह खड़े देखते रहे आपस की दुश्मनी का रहे अब न सिलसिला हम दोस्ती की राह खड़े देखते रहे सब- कुछ हड़प गया वो सुधारों की आड़ में जिस…
बीमार व्यक्ति हमेशा भ्रम में जीता है. कभी वह देखता है कि उसे पहाड़ पर से कोई धक्का दे रहा है तो कभी कई नरमुंड उसका पीछा कर रहे हैं…
परिचय : मनोज जैन मधुर, गीत व कविताओं की सांत संग्रह प्रकाशित. विभिन्न संस्थाओं की आेर से 15 से अधिक सम्मान. सम्पर्क – सी. एम.- 13, इन्दिरा कॉलोनी, बाग़ उमराव…
………………………………………………. परिचय : मुख्य अध्यापिका, केंद्रीय विद्यालय, प्रगति विहार, लोधी रोड, दिल्ली मो.- 09899809960 ब्लॉग – mukharkalpana.blogspot.in
दोहे – जयप्रकाश मिश्र बच्चें भी पढ़ने लगे, तीर धनुष तलवार । दिल मेरा जलता रहा, देख हजारों बार।। उजड़ी बस्ती कह रही, जख्म भरा इतिहास। मत खेलो इंसान से,…