साये में धूप’ के पचास साल और दुष्यंत कुमार की ग़ज़लधर्मिता : डॉ.अविनाश भारती
साये में धूप’ के पचास साल और दुष्यंत कुमार की ग़ज़लधर्मिता डॉ. अविनाश भारती दुष्यंत कुमार की कालजयी कृति ‘साये में धूप’ के प्रकाशन के पचास वर्ष पूरे हो चुके…
साये में धूप’ के पचास साल और दुष्यंत कुमार की ग़ज़लधर्मिता डॉ. अविनाश भारती दुष्यंत कुमार की कालजयी कृति ‘साये में धूप’ के प्रकाशन के पचास वर्ष पूरे हो चुके…
दुष्यंत कुमार : एक अमिट हस्ताक्षर – अंजना वर्मा हिंदी में ग़ज़ल विधा को लोकप्रिय बनाने…
‘साये में धूप’में अभिव्यक्त दुष्यंत कुमार की सामाजिक चेतना वेदप्रकाश भारती दुष्यंत कुमार, जिनका नाम हिंदी गजल के प्रथम गजलकार के रूप में जाना जाता है। जिन्होंने गजल को रोमानियत…
दुष्यंत कुमार की समसामयिकता राजेन्द्र राज 1975 में ‘साए में धूप‘ ग़ज़ल-संग्रह से दुष्यंत कुमार लोकप्रियता की मुकाम पर पहुंचे और आम लोगों ने उनकी सामाजिक चेतना तथा आंदोलनात्मकता को…
साये में धूप : दुष्यन्त कुमार – निधि गौतम हिंदी कविता की परंपरा में साये में धूप जैसा संग्रह…
दुष्यंत की ग़ज़लों में बिम्ब, प्रतीक और मुहावरे …
जनकवि दुष्यन्त : हिंदी ग़ज़ल में सामाजिक सरोकार और साहित्यिक योगदान …
हिन्दी का नाराज़ शायर दुष्यंत -डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफरी दुष्यंत नई कविता के…
कवि सत्यनारायण और हिन्दी नवगीत डॉ. ज़ियाउर रहमान जाफ़री सत्यनारायण हिन्दी के महत्वपूर्ण गीतकार हैं.बिहार का राज्य गीत इनके द्वारा रचा गया है- मेरे भारत के कंठ हार तुझको शत…
हिंदी ग़ज़ल में नदी, पोखर, झील, दरिया और समुन्दर डॉ. भावना जल ही जीवन है। जल के बिना हम जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। प्रकृति ने हमें झील,…