मनोरंजन : ध्वनि और छवियों का बाजार और मीडिया :: संजीव जैन

मनोरंजन : ध्वनि और छवियों का बाजार और मीडिया आज मनोरंजन एक उद्योग है जो हम तक ध्वनि और आभासी छवियों के बाजार के रूप में पहुंचता है। अब हम…

श्रद्धांजलि :: अमन चांदपुरी / हिंदी ग़ज़ल का युवा चेहरा अमन :: अनिरुद्ध सिन्हा

श्रद्धांजलि :: अमन चांदपुरी / हिंदी ग़ज़ल का युवा चेहरा अमन :: अनिरुद्ध सिन्हा रोक सकते हो तो रोको मजहबी तकरार को खून यूँ बहता रहा तो ये सदी मर…

श्रद्धांजलि :: अमन चांदपुरी / अमनुआ और मैं :: राहुल शिवाय

श्रद्धांजलि :: अमन चांदपुरी / अमनुआ और मैं :: राहुल शिवाय अमनुआ , यही कहता था मैं उसे, आखिर था भी मेरा लाडला.. अमन से मेरी पहली पहचान उसकी लघुकथाओं…

श्रद्धांजलि :: अमन चांदपुरी :: बहुत बहुत याद आओगे भाई -शुचि ‘भवि’

श्रद्धांजलि :: अमन चांदपुरी :: बहुत बहुत याद आओगे भाई – शुचि ‘भवि’ आभासी दुनिया में अमन चाँदपुरी मुझसे भाई बनकर मार्च 2017 में डॉ हरि फ़ैज़ाबादी जी के फ़ोन से…

श्रद्धांजलि अमन चांदपुरी : विभा माधवी का अमन के नाम पत्र

श्रद्धांजलि अमन चांदपुरी : विभा माधवी का अमन के नाम पत्र अमन सबके अमन अमन तुम्हारे जाने की खबर सुन कर दिमाग में विचारों का बवंडर चल रहा है। तूफानों का…

आलेख :: संजीव जैन

भूमंडलीकरण: विभिन्न आयाम – संजीव जैन भूमंडलीकरण एक महत्वपूर्ण ही नही अत्यंत ताकतवर परिघटना है जिसकी जननी ‘आधुनिकता’ की अवधारणा थी। आधुनिकता की बहुत ही खास प्रवृत्ति थी कि वह…

सर्दी, गर्मी और बारिश में भीगता हुआ शायर : भावना

सर्दी, गर्मी और बारिश में भीगता हुआ शायर लेखन की कोई अवस्था नहीं होती, लेकिन लेखन का संयोग अवश्य होता है। वह संयोग जो अकस्मात् ही  दरवाजे पर आकर भावनाओं…

आलेख : संजीव जैन

पारिवारिक विघटन और हिंदी महिला उपन्यासकार पितृसत्तात्मक परिवार की जिस संरचना और स्वरूप को हमने अब तक समझा है उसके संदर्भ में महिला उपन्यासकारों के उपन्यासों में पारिवारिक विघटन की…

आलेख : डॉ अनिल कुमार पांडेय

जीवन, प्रकृति और समाज की अभिव्यक्ति : समकालीन हिंदी ग़ज़ल – डॉ. अनिल कुमार पाण्डेय ग़र जमीं पर बाँट देने की हवस बढ़ती रही जंग कंधों पर उठाकर आसमां ले…