डाॅ शान्ति कुमारी यानी संकल्प से सिद्धि तक :: भावना

डाॅ शान्ति कुमारी यानी संकल्प से सिद्धि तक भावना माँ और बच्चे के बीच में हमेशा दो भाव काम करते हैं ।पहला ‘वानरी भाव’ और दूसरा ‘मार्जारी भाव’। ”बन्दर का…

हिन्दी ग़ज़ल के बढ़ते आयाम-मूलभूत तथ्यों की पहचान :: अनिरुद्ध सिन्हा

हिन्दी ग़ज़ल के बढ़ते आयाम”-मूलभूत तथ्यों की पहचान  – अनिरुद्ध सिन्हा आधुनिक कवियों ने एक विशेष ढंग से,एक विशेष दिशा में हिन्दी कविता को मोड़ने का प्रयास किया। हिन्दी कविता…

गिरमिटियों के उद्धार में पं. तोताराम सनाढ्य का योगदान :: डॉ सुभाषिणी लता कुमार

गिरमिटियों के उद्धार में पं. तोताराम सनाढ्य का योगदान डॉ सुभाषिणी लता कुमार   पं. तोताराम सनाढ्य ने अपने गिरमिट अनुभव को ‘फीजी द्वीप में मेरे 21 वर्ष’नामक पुस्तक में…

संगमन :: कला में लोक और अभिजात्य का द्वंद

रपट: संगमन-25  कला में लोक और अभिजात्य का द्वंद कमलेश भट्ट कमल  ‌ वर्ष 1993 में कानपुर से प्रारंभ ‘संगमन’ अपनी अवधारणा में अन्यतम और अनुपम है और कदाचित विश्व…

बिहारी बोलियों की लोक – कथाओं का अध्ययन :: डॉ.शांति कुमारी

बिहारी बोलियों की लोक – कथाओं का अध्ययन डाॅ शान्ति कुमारी   डॉ ग्रियर्सन ने भोजपुरी और मैथिली का अध्ययन बिहारी भाषा के अंतर्गत किया था । डॉ ० ग्रियर्सन…

अनेक मान्यताओं का साक्षी मंदार बिखेर रहा है सांस्कृतिक गरिमा :: कुमार कृष्णन

अनेक मान्यताओं का साक्षी मंदार बिखेर रहा है सांस्कृतिक गरिमा  – कुमार कृष्णन अनेक पौराणिक किंवदंतियों से जूझता मंदार पर्वत शांत, अविचल खड़ा है। काले पहाड़ पर उकेरी हुई कलाकृतियाँ…