अविभाजित भारत का पहला कृषि अनुसंधानशाला पूसा (बिहार) और पूसा (दिल्ली) :: वीरेन नंदा
अविभाजित भारत का पहला कृषि अनुसंधानशाला पूसा (बिहार) और पूसा (दिल्ली) – वीरेन नंदा बिहार के मुजफ्फरपुर से तीस किलोमीटर दूर पूसा में कभी किलानुमा हवेली हुआ करती थी…
अविभाजित भारत का पहला कृषि अनुसंधानशाला पूसा (बिहार) और पूसा (दिल्ली) – वीरेन नंदा बिहार के मुजफ्फरपुर से तीस किलोमीटर दूर पूसा में कभी किलानुमा हवेली हुआ करती थी…
व्यंग्य आलेख रेलवे किसी की निजी संपत्ति नहीं – आशुतोष कुमार रेलवे के निजीकरण की बात सुन…
अभी ख़ून से शेर लिखने हैं हमको— डॉ. उर्मिलेश वशिष्ठ अनूप परिंदों में कोई फ़िरकापरस्ती क्यों नहीं होती, कभी मंदिर पे जा बैठे, कभी मस्ज़िद पे जा बैठे। तीर…
क्या सच्चिदानंद सिन्हा का नाम आपने सुना है …
तोतली जुबान वाला हर्ष डॉ शिवम् तिवारी “तातू, तातू, आ गए मेरे तातू” सर पर बेतरतीब बिखरे बाल, बदन पर पुरानी टी-शर्ट एवं अधफटी नेकर पहने महज 5 बरस का…
( डाॅ श्रीरंग शाही की पुण्यतिथि 25 सितंबर पर विशेष – उनके द्वारा लिखित आलेख संत कवि दादू) संत कवि दादू डाॅ श्रीरंग शाही दादू दयाल सर्वात्मवाद के प्रवर्तक और…
समकालीन हिन्दी ग़ज़ल में युवा ग़ज़लकारों का हस्तक्षेप डॉ.भावना हमारा देश युवाओं का देश है। हर पीढ़ी के पास अपनी सोच और विचार होते हैं, जो समाज के विकास में…
गर्म हवा ’ के थपेड़े सहती सत्तर के दशक की युवा पीढ़ी …
अगले जनम फिर आना : सिद्धिनाथ स्मृति – सतीश नूतन 1982 में गाँव की गझिन गाछ, बरैला ताल पर उड़ते प्रवासी पक्षियों के कलरव, झाल-करताल-हरिकीर्तन के स्वर और दादी के…
हिंदी ग़ज़ल का नया लिबास – डॉ.जियाउर रहमान जाफरी हिंदी कविता की विविध विधाओं में ग़ज़ल सबसे…