लोक आलोक की सांस्कृतिक सुरसरि डॉ मृदुला सिन्हा :: डॉ संजय पंकज
लोक आलोक की सांस्कृतिक सुरसरि डॉ मृदुला सिन्हा – डॉ संजय पंकज डॉ मृदुला सिन्हा हिंदी की बड़ी लेखिका थी और अपनी यश: काया के रूप में आज भी वे…
लोक आलोक की सांस्कृतिक सुरसरि डॉ मृदुला सिन्हा – डॉ संजय पंकज डॉ मृदुला सिन्हा हिंदी की बड़ी लेखिका थी और अपनी यश: काया के रूप में आज भी वे…
आलेख ……………………… पढ़िए गीता बनिए सीता – मीरा श्रीवास्तव लॉक डाउन की अंतहीन पुनरावृत्तियों से भरे ये तीन –…
देशज” पत्रिका समूह के मंच पर वरिष्ठ साहित्यकार व पत्रकार *अवधेश प्रीत* जी से कुछ रोचक सवाल और उनके तथ्यपूर्ण जवाब : *प्रस्तुतकर्ता : अरुण शीतांश व कुमार विजय गुप्त*…
“आधुनिक परिप्रेक्ष्य में टैगोर” सत्यम शिवम सुंदरम गुरुवर रवीन्द्र नाथ टैगोर भारतीय सांस्कृतिक विरासत के शाश्र्वत प्रतिनिधि हैं और रहेंगे। विश्व कवि,चित्रकार, शिक्षाविद और सब से बढ़ कर मानवतावादी विचारक।…
प्रेम करने से पहले प्रेम को पढ़िए भी – सलिल सरोज “कौन सा गुनाह ? कैसा गुनाह ? किसी से जिंदगी भर स्नेह रखने, प्रेम करने का गुनाह… स्नेह और…
मिल्टन से टकराता रहता रोज ईसुरी फाग के बहाने जंगबहादुर बंधु के दो गीतों पर मनोज जैन का समीक्षात्मक आलेख साहित्यिक विरादरी का शायद ही कोई शख्स ऐसा हो जिसका…
सुशांत, आखिर क्यों ,सुशांत ! – सलिल सरोज आत्महत्या निस्संदेह में एक जघन्य पाप है। एक आदमी जो खुद को मारता है, उसे इस दुनिया में बार-बार लौटना होगा और…
चीन की खतरनाक महात्वाकांक्षा और भारत सहित अन्य देश …
प्रश्न –आप पिछले कई दशकों से रचनकर्म से जुड़े कवि,कथाकार आलोचक हैं । इधर कुछ वर्षों में आपने हिन्दी ग़ज़ल की दुनिया में मजबूत पहचान बनाई है । आपमें बहुमुखी…