विशिष्ट ग़ज़लकार :: रमेश कँवल

रमेश कँवल  की छह ग़ज़लें 1 बदला बदला सा है मेरा दफ़्तर रूप सज्जा में है नया दफ़्तर   बायोमेट्रिक से लोग आते हैं सीसीटीवी लगा हुआ दफ़्तर   लैपटॉपों…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: महेश अग्रवाल

1 हो  न  जाएं  ख़ाक ये  सद्भावना   की  बस्तियांँ मज़हबों  की  माचिसों में  नफरतों  की  तीलिया   कुछ हवा कुछ रोशनी कुछ खुशबुएं मिलती रहें, बस खुली रखनाहमेशा सोचकी सब…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’

डॉ विनोद प्रकाश गुप्ता ‘शलभ’ की चार ग़ज़लें 1 मुझे इश्क़ का तो पता नहीं , तेरे दिल का मुझको ख़याल है , जो मैं तुझ से मिल के न…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: समीर परिमल

समीर परिमल की छह ग़ज़लें 1 आगे बढ़कर जी लूँ जिसको लम्हा ढूँढ रहा हूँ मैं काले सायों में इक साया अपना ढूँढ रहा हूँ मैं तेरे मेरे बीच में…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: देवेंद्र मांझी

देवेंद्र मांझी की पांच ग़ज़लें 1 तमाम रात तड़प कर निकाल दी मैंने क़ज़ा भी आई जो सर पे वो टाल दी मैंने   ज़माना मेरे तअक़्क़ुब में क्यों है…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: डॉ. पंकज कर्ण

डॉ.पंकज कर्ण की दो ग़ज़लें 1 हमें तहज़ीब दुनिया की वो कुछ ऐसे सिखाता है निगाहें हम मगर वो देखिए उंगली उठाता है तिरंगे में बसा ईमान सबका जानने वाला…

विशिष्ट ग़ज़लकार :: दिनेश प्रभात

तिरंगे की शान है दिनेश प्रभात  पर्वत की चोटियों पे तिरंगे की शान है कह दो कि मेरे देश का सैनिक महान है बेटे ने मेरे दूध का कर्जा चुका…