ख़ास कलम :: मधुकर वनमाली

बरसाणे की बावरी बरसाणे की बावरी,राधा सुंदर नाम। धवल सरीखी दूध जो,मीत मिला घनश्याम।। वनमाली यह सोचते,अलग हुआ जो रंग। हंस मिले ज्यों काग से, नहीं जँचेगा संग।। मैया जसुमति…