श्रद्धांजलि :: अमन चांदपुरी :: अमन चांदपुरी की ग़ज़लें : सौजन्य :के.पी.अनमोल
श्रद्धांजलि :: अमन चांदपुरी :: अमन चांदपुरी की ग़ज़लें : सौजन्य :के.पी.अनमोल अमन चांदपुरी की ग़ज़लें – लोग उत्पात करते रहते हैं घात-प्रतिघात करते रहते हैं काम जो शत्रु भी…
श्रद्धांजलि :: अमन चांदपुरी :: अमन चांदपुरी की ग़ज़लें : सौजन्य :के.पी.अनमोल अमन चांदपुरी की ग़ज़लें – लोग उत्पात करते रहते हैं घात-प्रतिघात करते रहते हैं काम जो शत्रु भी…
श्रद्धांजलि अमन चांदपुरी :: ग़ज़ल और कुंडलिया – अवधेश कुमार आशुतोष ाजनता हूँ लौटकर आना तुम्हें फिर से अमन है आंसुओं की धार से भींगा भला क्यों हर नयन है तुम…
श्रद्धांजलि : अमन चांदपुरी /दोहा : बाबा बैद्यनाथ झा नियति नटी क्यों हो गयी,बोलो इतना क्रूर। किया अमन को दुष्ट ने,असमय हमसे दूर।। रोता है साहित्य का, पूरा दिव्याकाश। श्रद्धांजलि…
श्रद्धांजलि : अमन चांदपुरी के दोहे रुख़ से रुख़सत कर दिया, उसने आज नक़ाब। लगा अब्र की क़ैद से, रिहा हुआ महताब।। आँखें ज़ख़्मी हो चलीं, मंज़र लहूलुहान। मज़हब की तकरार…
श्रद्धांजलि अमन :: अमन के नाम शिवम का पत्र भाई अमन, …
1 नोंक है टूटी क़लम की, भाव मन के सब उपासे। चीख का मुखड़ा दबा है, और सिसकती टेक है। शब्द हैं बनवास पर, शून्यता अतिरेक है। सर्जना का क्या…
1 शातिर हैं अब हवा के झोंके, कातिल बड़ी बयार चिरैय्या खबरदार नहीं घोसला रहा सुरक्षित, पिंजड़े में भी खतरा कैसे जान सकेगी, किसका मन है कितना सुथरा खंजर नीड़…
रक्षाबंधन बहन-भ्रात के प्यार का, यह अनुपम त्योहार। रक्षाबंधन जोड़ता, दिल से दिल का तार।। कच्चा धागा प्रेम का, बाँध भ्रात के हाथ। माँगे भगिनी भ्रात से, जन्म-जन्म का साथ।।…
भीड़ चली है भोर उगाने हांक रहे हैं जुगनू सारे, उल्लू लिखकर देते नारे, शुभ्र दिवस के श्वेत ध्वजों पर कालिख मलते हैं हरकारे। नयनों के परदे ढंक सबको मात्र…
दोहा भूख, गरीबी, बेबसी, पीड़ा औ संत्रास। यही आज उपलब्धियाँ, कृषक-जनों के पास।। नई सभ्यता ने जने, ऐसे आज उलूक। संस्कृति के नभ पर रहे, मुख ऊपर कर थूक।। जबसे…