विशिष्ट कहानीकार :: अमित कुमार चौबे

खौफ़ हम दोनों के दरमियाँ अमित कुमार चौबे एक बनाया गया रिश्ता। इससे पहले कभी एक दूसरे को देखा भी नहीं था।अब सारी जिंदगी एक दूसरे के साथ रहना है।…

विशिष्ट कहानीकार :: पंखुरी सिन्हा

अभी बस इतना ही पंखुरी सिन्हा ‘किसी और से प्यार करती हूँ, ये शादी जबर्दस्ती कर दी गई है!’ ‘देखिये, ये शादी मेरी मर्ज़ी के खिलाफ हुई है! मैं कहती…

विशिष्ट कहानीकार :: मनोज

मनोज की दो बाल कहानियां जैसे को तैसा उत्पल के दिन की शुरुआत नित्य क्रिया और भगवत भजन से होती थी। वह नित्य स्नान के बाद फ्रेम में मढ़े सरस्वती…

टूटे हुए कंधे :: अंजना वर्मा

टूटे हुए कंधे            -अंजना वर्माअतुल सोफा पर निढाल पड़ा हुआ था। यादों की उथल-पुथल उसे चैन नहीं लेने दे रही थी। जो बीत गया वह अपने…

विशिष्ट कहानीकार :: गोपाल फलक

आम पक गए हैं  गोपाल फ़लक   खिड़की से बाहर देखा घुप अंधेरा था, बीच-बीच में झिंगुर की आवाज, भगजोगनी (जुगनू) का टिमटिमाना और कुत्तों का अलाप वातावरण को डरावना…