विशिष्ट कहानीकार :: अमित कुमार चौबे
खौफ़ हम दोनों के दरमियाँ अमित कुमार चौबे एक बनाया गया रिश्ता। इससे पहले कभी एक दूसरे को देखा भी नहीं था।अब सारी जिंदगी एक दूसरे के साथ रहना है।…
खौफ़ हम दोनों के दरमियाँ अमित कुमार चौबे एक बनाया गया रिश्ता। इससे पहले कभी एक दूसरे को देखा भी नहीं था।अब सारी जिंदगी एक दूसरे के साथ रहना है।…
आखरी डाक आशा पांडेय ओझा पिछले एक सप्ताह से जीवन जी पोस्ट ऑफिस में इंतज़ार कर रहे हैं कि उस रास्ते की एक आध डाक और आ जाये तो त्रिलोक…
दरिद्र भोज – अंजना वर्मा सीमा सवेरे से रसोई में व्यस्त थी। आज उसके पिता की पुण्यतिथि थी । साल में एक बार आने वाली इस…
अभी बस इतना ही पंखुरी सिन्हा ‘किसी और से प्यार करती हूँ, ये शादी जबर्दस्ती कर दी गई है!’ ‘देखिये, ये शादी मेरी मर्ज़ी के खिलाफ हुई है! मैं कहती…
मनोज की दो बाल कहानियां जैसे को तैसा उत्पल के दिन की शुरुआत नित्य क्रिया और भगवत भजन से होती थी। वह नित्य स्नान के बाद फ्रेम में मढ़े सरस्वती…
टूटे हुए कंधे -अंजना वर्माअतुल सोफा पर निढाल पड़ा हुआ था। यादों की उथल-पुथल उसे चैन नहीं लेने दे रही थी। जो बीत गया वह अपने…
आम पक गए हैं गोपाल फ़लक खिड़की से बाहर देखा घुप अंधेरा था, बीच-बीच में झिंगुर की आवाज, भगजोगनी (जुगनू) का टिमटिमाना और कुत्तों का अलाप वातावरण को डरावना…
यही मेरा वतन – प्रेमचंद आज पूरे साठ बरस के बाद मुझे अपने वतन, प्यारे वतन का दर्शन फिर नसीब हुआ।…
कौन लिखेगा – काव्या कटारे मैंने डायरी लिखना शुरू किया…. आज जब मैं उठी तो पाया कि मोहित जाग चुके थे. वह…
अप्रत्यक्ष शिकार – डा0 विकास कुमार लौतन वाली की इस बेरुखी से खिसियाकर कर घपोचन साह रेलवे पटरी की ओर बढ़ गया था,…