विशिष्ट कहानीकार :: सिनीवाली शर्मा

अफसर की बीबी मोबाइल की घंटी बजते ही रसोई से भुनभुनाती हुई कामिनी निकली, ” कितनी बार कहा इनसे एक नया मोबाइल ले लो, लेकिन हर महीने कहेंगे अगले महीने…

विशिष्ट कहानीकार : अमरेंद्र सुमन

खामोशी चार अलग-अलग कंधों के सहारे बेजान एक जवान युवक को शहर के मुख्य अस्पताल की ओर ले जाया जा रहा था। विकट उष्णता भरी रात में भी आने वाले…

विशिष्ट कहानीकार : प्रवेश सोनी

रिश्तों का रेशम निशा जरा जल्दी करो भाई ,मनोज ने मोज़े पहनते हुए किचन की और देखते हुए कहा |मनोज की आवाज़ सुन कर अनमनी निशा ने हाथों को गति…

विशिष्ट कहानीकार : संजीव जैन

लालबत्ती एक दूसरी कहानी यह भी मेरी जिंदगी अंत से आरंभ हो रही है। मैं हमेशा आरंभ के लिए करता रहा कोशिश पर अंत हमेशा पहले आता रहा और अब…

विशिष्ट कहानीकार : अंजू शर्मा

उम्मीदों का उदास पतझड़ साल का आखिरी महीना है ऑटो से उतरकर उसने अपने दायीं ओर देखा तो वह पहले से बस स्टॉप पर बैठी उसका इंतज़ार कर रही थी!…

विशिष्ट कहानीकार : पंखुरी सिन्हा

हिस्टीरिया और हेल्थ पेपर्स ‘दुनिया डोल रही है, आकाश डोल रहा है, पृथ्वी अपनी धुरी से कुछ दूर छिटक गयी है शायद, एक तेज़ आंधी चल रही है समूचे ब्रह्माण्ड…

विशिष्ट कहानीकार : ऊमा झुनझुनवाला

पूनम का चाँद हम चाहे दुनिया के सामने जितने भी बहादुर बनते फिरें मगर असल जगह अपनी बहादुरी ना दिखा पाने का ग़म या फिर कहें कि हमारी कायरता मरते…

विशिष्ट कहानीकार : डॉ पूनम सिंह

अनुत्तरित प्रश्न ‘‘पापा , हम मम्मी के पास कब चलेंगे , बताइये न पापा ।’’ रिम्मी के जिस सवाल से राजीव बार-बार बचने का प्रयत्न करता है वही सवाल करके…

विशिष्ट कहानीकार : सुशील कुमार भारद्वाज

नंदनी नंदनी. हां हां. वही नंदनी जो खुद में खोई खोई सी रहती है. अरे वही नंदनी, जिसे राजनीति और राजनेता शब्द से इतनी चिढ़ है कि चर्चा शुरू होते…