1मेरी छोटी-सी उलझन को सुलझाने में
साथी मुझको लेकर आए मयख़ाने में

शीशा तोड़ा फिर दिल तोड़ा पर जाने दो
ऐसा उनसे हो जाता है अनजाने में

मतलब की ये दुनिया है जो मायावी है
मैं क्या हूं जो आ जाता हूं भरमाने में

मुस्कानों के फुसलाने में आ जाता हूं
आ जाता हूं मृदु शब्दों के बहलाने में

इन्कार नहीं है जां देने में जाने-जां
इन्सान अगर कुछ खोता है कुछ पाने में

स्वागत में दो बिस्कुट केवल और नहीं कुछ
जाने कितना ख़र्च हुआ मेरा आने में

क्या कर जाऊं सोचा करता हूं सुनकर मैं
जीवन की सार्थकता है कुछ कर जाने में

2

फ़ज़ा में वायरस फैले फ़ज़ा में धूल छायी है
हवा गतिशील है लेकिन हवा में धूल छायी है

ढहाये जा चुके ढांचे पुराने इस बनारस के
नये निर्माण के पहले ख़ला में धूल छायी है

दिशा बदलाव की थी तो दशा उत्थान की भी थी
दिशा दुर्गंध देती है दशा में धूल छायी है

समझ में आ रहा है अब मुहब्बत में लुटाकर दिल
अंधेरा वायदों में है वफ़ा में धूल छायी है

न जाने वक़्त कैसा है हमारी ज़िन्दगानी में
सड़क पर रक्त फैला है सभा में धूल छायी है

3

धार पर धार मैं कहां जाऊं
आर या पार मैं कहां जाऊं

जागती आंख में लिये सपने
सुप्त संसार मैं कहां जाऊं

यार की मर्ज़ियां जहां जाये
यार की कार मैं कहां जाऊं

दूसरा पांव काम करता था
गड़ गया ख़ार मैं कहां जाऊं

एक अंधा कुआं क़दम पीछे
सामने ग़ार मैं कहां जाऊं

प्यास गहरी थकान गहरी है
दूर तक क्षार मैं कहां जाऊं

मंज़िलो! ये मलाल होता है
है कहां प्यार मैं कहां जाऊं

5

मिले न दूत कि उस पार की ख़बर क्या है
अनेक वर्ष गये यार की ख़बर क्या है

न एक रोज़ मुझे छोड़ता अकेला था
उसी अज़ीम वफ़ादार की ख़बर क्या है

अजब रहस्य-भरे रूप-रंग वाले जब
अतीव सूक्ष्म निराकार की ख़बर क्या है

अबाध अश्क़ बहे जा रहे हमारे हैं
तुम्हें न दर्द तुम्हें प्यार की ख़बर क्या है

शुमार आज उन्हीं प्रेम-पागलों में हम
जिन्हें पता न कि संसार की ख़बर क्या है

6

वैद को छोड़ वधिक दूत बुलाया जाये
दर्द को मृत्यु गहन नींद सुलाया जाये

टोकरी विष्ठ-भरी शीश उठाते हैं वो
नीर से पुष्प चरण युग्म धुलाया जाये

आज जिस रंग गगन छोर पताका उड़ती
वायु सम्पूर्ण वही रंग घुलाया जाये

आइए नाप लिया जाय समस्या क्या है
इंच छप्पन कि तनिक वक्ष फुलाया जाये

याद रक्खें कि मनुज रूप मिला भिड़ने को
धर्म, भूगोल न इतिहास भुलाया जाये
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परिचय : गजलकार के दो गजल-संग्रह के अलावा चार कविता-संग्रह प्रकाशित हैं। पत्र-पत्रिकाओं में भी निरंतर लेखन।
संपर्क : एस2/564 सिकरौल, वाराणसी  – 221002
मो. 9415295137