1
हमें अक्सर ये दुनिया अजनबी मालूम होती है
बड़ी ही अनमनी सी ज़िंदगी मालूम होती है
तबस्सुम में भी कोई बेबसी मालूम होती है
निगाहों में सिसकती रौशनी मालूम होती है
गगन के चाँद से तो आपके घर ईद हो जाती
हमें , पर आह भरती चाँदनी मालूम होती है
नई नस्लों की हरकत से नहीं शिकवा हमें कोई
हमारी परवरिश में ही कमी मालूम होती है
महीना बारिशों का है मगर बादल नहीं उमड़े
जमीं से आसमां की बेरुखी मालूम होती है
बड़ी तहज़ीब से महफिल में वो तशरीफ लाए हैं
मगर नीयत ज़रा बदली हुई मालूम होती है
मुहब्बत की तड़प कायम रहे ता-उम्र इस दिल में
सुकूँ देती हुई ये तिश्नगी मालूम होती है
2
आपकी नफरत , अदावत औ हुकूमत के सिवा
कुछ नहीं है ज़िंदगी में इस हक़ीक़त के सिवा
बेकशी है , बेबसी है , मुफ़लिसी है साथ अब
क्या बचा है पास मेरे आज गुरबत के सिवा
हमसफर ,हमराज़ , हमदम की नज़र में भी यहाँ
दिख नहीं पाता है अब कुछ भी हिकारत के सिवा
धर्म , मजहब के बहाने बांटते जो मुल्क को
दिल में उनके कुछ नहीं रहता सियासत के सिवा
खैरियत है अब इसी में , उठ चलें इस वज़्म से
रास आएगा न दिल , को कुछ मुसीबत के सिवा
3
ज़िंदगी से कभी जुदा न हुआ
वो मगर दिल से आशना न हुआ
खत्म ज़ुल्मों का सिलसिला न हुआ
क्यूँ बगावत का हौसला न हुआ
राह ऐसी न बन सकी कोई
मोड़ पर जिसके हादसा न हुआ
रोज अर्ज़ी लगी अदालत में
अब तलक फिर भी फैसला न हुआ
उम्र सज़्दे में कट गई आखिर
बुत रहा बुत कभी खुदा न हुआ
4
ख्वाहिशों का शबाब बाक़ी है
सुर्ख आँखों में ख्वाब बाक़ी है
हमने पूछे सवाल तो कितने
ज़िंदगी का जवाब बाक़ी है
कैसे हाफिज़ ख़ुदा कहें उनको
रंज़ो- गम का हिसाब बाक़ी है
वज़्म से वो न उठ के जाएगा
क्योंकि दौरे- शराब बाक़ी है
पढ़ चुके तो बहुत रिसालें पर
ज़िंदगी की क़िताब बाक़ी है
चंद लम्हों की बात है साहिब
रुख पे थोड़ा नक़ाब बाक़ी है
कोई पूछे तो हुक्मरानों से
क्या निगाहों में आब बाक़ी है
5
कदमों में उनके सर को झुकाना बहुत हुआ
रिश्तों को निभाने का बहाना बहुत हुआ
इस गर्दिशे-हयात में मुद्दे की बात हो
अबतक तो रूठना ओ मनाना बहुत हुआ
शिकवे गिले के वास्ते घर में भी है जगह
सड़कों पे तमाशा ये दिखाना बहुत हुआ
एहसासे – ज़िंदगी भी कभी साथ – साथ था
उसको जुदा हुए भी जमाना बहुत हुआ
कुछ उम्रे–ज़ईफ़ी के लिए भी तो सोचिए
अब तक तो कमाना ओ लुटाना बहुत हुआ
रहने भी दीजिए अब इम्तिहाँ न लीजिए
ये दिल का लगना ओ निभाना बहुत हुआ
………………………………………………………………………………….